Chandrayaan 3 Landing Live: चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद की सतह पर लैंड हो गया है. इसके पीछे इसरो के कई इंजीनियर और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत है. बेहद कम लोग अपने इन हीरोज के बारे में जानते हैं. अगर आप भी चंद्रयान मिशन के होरीज के बारे में जानना चाहते हैं, तो आज हम उनके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. चंद्रयान-3 के मिशन को अंजाम देने वाले इन गुमानम हीरोज नहीं ही भारतवासियों को गर्व करने का मौका दिया है.

बता दें कि इंडियन स्पेस रिसर्च ओर्गानाइजेशन (ISRO) के साइंटिंस्ट्स पिछले 4 साल से चंद्रयान-3 सैटेलाइट पर काम कर रहे थे. जिस समय देश में कोविड-19 महामारी फैली हुई थी, उस समय भी इसरो की टीम भारत के मिशन मून की तैयारी में जुटी थी. इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ का कहना है कि लगभग 700 करोड़ रुपये के मिशन को पूरा करने और चलाने के लिए लगभग 1,000 इंजीनियरों और वैज्ञानिकों ने काम किया.

इन लोगों ने निभाया अहम किरदार

चंद्रयान-3 को पूरा करने के लिए फीमेल साइंटिस्ट और इंजीनियर्स ने भी अहम किरदार निभाया. चंद्रयान-3 को सफल बनाने में एस सोमनाथ के अलावा प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल, मिशन डायरेक्टर मोहना कुमार, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर, यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) के निदेशक एम शंकरन और लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड (LAB) प्रमुख ए राजराजन ने भी अहम किरदार निभाया.

इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ

व्हीकल मार्क-3 की मदद से ही चंद्रयान-3 कक्षा में पहुंच था. एयरोस्पेस इंजीनियर एस सोमनाथ ने ही चंद्रयान के व्हीकल मार्क-3 या बाहुबली रॉकेट के डिजाइन में मदद की थी. वह बेंग्लुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के छात्र रहे हैं और संस्कृत बोल सकते हैं और उन्होंने यानम नामक एक संस्कृत फिल्म में अभिनय किया है.

चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक वीरमुथुवेल

चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक वीरमुथुवेल ने चेन्नई से मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की है. वह चंद्रयान-2 और मंगलयान मिशन से जुड़े थे. रमुथुवेल ने अपने अनुभव से चंद्रयान-3 मिशन को मजबूत बनाने में मदद की.

मिशन निदेशक मोहना कुमार

एस मोहना कुमार चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक हैं. वह विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं. चंद्रयान-3 से पहले वह LVM3-M3 मिशन पर वन वेब इंडिया 2 सैटेलाइट के निदेशक थे.