ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील वजूखाने के परिसर के ASI सर्वे के लिए मांग उठाई गई है. इस संबंध में वजूखाने के परिसर में स्थित शिवलिंग को छोड़कर पूरे वजूखाने के सर्वे के लिए वाराणसी जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत के सामने मंगलवार को प्रार्थना पत्र दायर किया गया है. ये प्रार्थना पत्र श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन की मुख्य याचिकाकर्ता वादिनी राखी सिंह की तरफ से दिया गया है.

फिलहाल वजूखाने के परिसर को छोड़ पूरे ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक तरीके से सर्वे किया जा रहा है. अधिवक्ता सौरभ तिवारी, अनुपम द्विवेदी और मानबहादुर सिंह के जरिए प्रार्थना पत्र दायर किया गया, जो कुल 64 पन्नों का है. कोर्ट इस मामले में 8 सितंबर को सुनवाई करेगा.

प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग बिना ज्ञानवापी ढांचे को नुकसान पहुंचाए सुरक्षित तरीक से इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश से वैज्ञानिक सर्वे कर रहा है, ऐसे में शिवलिंग को छोड़कर पूरे वजूखाने का ASI वैज्ञानिक सर्वे आवश्यक है ताकि पूरे ज्ञानवापी परिसर का सर्वे सुरक्षित तरीके से हो सके और कोर्ट निष्पक्ष तरीके से सही निष्कर्ष तक पहुंच सके.

‘वजूखाने को कोई नुकसान नहीं होगा’

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसी साल गत 12 मई, 2023 को शिवलिंग को बगैर नुकसान पहुंचाए ASI सर्वे का आदेश दिया था, लेकिन मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के समक्ष है. प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 17 मई को शिवलिंग और वजूखाने वाले भाग को संरक्षित करने का आदेश दिया है लेकिन जिस सुरक्षित तरीके से वर्तमान रूप में ASI ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण या जांच कर रही है वैसे में संरक्षित भाग अर्थात वजूखाने को कोई नुकसान नहीं होगा.

ASI की टीम आज 26वें दिन भी कर रही सर्वे

वहीं, मंगलवार को ज्ञानवापी परिसर सर्वे का 26वां दिन है और एएसआई की टीम सुबह साढ़े 8 बजे से सर्वे करने में जुटी हुई है और ये सर्वे शाम 5 बजे तक जारी रहेगा. बताया जा रहा है कि हैदराबाद की ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक के जरिए साक्ष्य जुटाए जाएंगे. जल्द ही जीपीआर की टीम अपना काम शुरू करेगी. दरअसल, जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए 2 सितंबर तारीख तय कर रखी है.