दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में क्रेडिट वॉर के बीच मंगलवार को दिल्ली के आईपी स्टेट डिपो से सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी के साथ 400 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिसंबर 2023 तक दिल्ली सरकार की 1900 ईलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर आ जाएंगी. 800 ई-बसों के साथ दिल्ली देश का सबसे ज्यादा ई-बसों वाला शहर हो गया है और 1900 ई-बसें आने के बाद दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में दिल्ली का नाम आएगा, जहां ज्यादा ईलेक्ट्रिक बसें चलती हैं.

सीएम ने कहा कि 1900 ईलेक्ट्रिक बसों के आने के बाद हर साल 1.07 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी. हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर 2025 तक दिल्ली की सड़कों पर कुल 10480 बसें होंगी. इसमें से 80 फीसद यानि 8280 ईलेक्ट्रिक बसें होंगी. लगभग सवा दो साल बाद दिल्ली सरकार के पास करीब 8280 इलेक्ट्रिक बसें होंगी. यानि सवा दो साल बाद करीब दस गुना अधिक ई-बसें होंगी. ये बसें जीरो प्रदूषण करती हैं और एक बार चार्ज होने के बाद 225 किलोमीटर चलती हैं.

बसें सभी आधुनिक सुविधाएं से लैस

अरविंद केजरीवाल ने बसों की खासियत बताते हुए कहा कि ये ईलेक्ट्रिक बसें सभी आधुनिक सुविधाएं से लैस हैं. सारी बसें वातानुकूलित हैं. दिव्यांग जनों के लिए रैम्प बना हुआ है. किसी दिव्यांग व्यक्ति को चढ़ाने के लिए जरूरत पड़ने पर पूरी बस झुक जाती है. बसों की स्टेपलेस बॉडी है, जिससे लोगों को सहूलियत होती है. हर बस में तीन-तीन सीसीटीवी कैमरे हैं. महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन है. कंट्रोल रूम के साथ हर बस का दोतरफा कम्युनिकेशन है. हर बस में लाइन ट्रैकिंग करने के लिए जीपीएस यूनिट है. हर बस में डिस्क ब्रेक, फायर डिटेक्शन के साथ सप्रेशन सिस्टम है. उन्होंने कहा कि कुछ बसों की उम्र पूरी हो गई थी, उनको हटा दिया गया है. इसके बाद आज की तारीख में दिल्ली में 7135 बसें हैं. इसमें 800 ई-बसें हैं और 6335 सीएनजी बसें हैं.

आगे अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्र सरकार की 921 बसों पर सब्सिडी मिल रही है. हर बस पर लगभग 45 लाख रुपए प्रति बस सब्सिडी मिलेगी. 921 बसों पर केंद्र से 417 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिल रही है. हर बस की लाइफ करीब 12 साल है. इस तरह इन 921 ई-बसों पर कुल खर्च 4091 करोड़ रुपए है. इसमें से 417 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से मिल रहा है. यानि केंद्र सरकार से 10 फीसद और बाकी 90 फीसद खर्च का वहन दिल्ली सरकार कर रही है. इस प्रकार दिल्ली सरकार का 8280 ई-बसों का जो कुल लक्ष्य है, उसमें से 1200 ई-बसें केंद्र सरकार की सब्सिडी से मिल रही है और बाकी ई-बसें दिल्ली सरकार अपने पैसे से खरीद रही है. हमारी केंद्र सरकार से अपील है कि जिस तरह 1200 बसों पर सब्सिडी दे रही है, वैसे ही बाकी बसों पर भी सब्सिडी दे तो और अच्छा रहेगा. हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार बाकी बसों पर भी सब्सिडी देगी.