Pandit Pradeep Mishra on Udayanidhi Stalin: कमलनाथ द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने I.N.D.I.A नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन विरोधी बयान पर तीखी टिप्पणी की. कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि, ‘ उनसे पूछो उनके माता पिता सनातनी नही थे क्या? उनके दादा-परदादा सनातनी नहीं थे क्या? अगर सनातन धर्म को डेंगू और कोरो ना कहते हैं तो वो भी कोरोना और डेंगू की औलाद ही कहलाएंगे.’

कुबेरेश्वर धाम के महंत पंडित प्रदीप मिश्रा ने धर्म को राजनीति से जोड़ने पर कहा कि पुरातनकाल में विक्रमादित्य सहित अन्य राजा के दरबार में धर्म गुरु मार्गदर्शन देते थे. गौरतलब है कि भोपाल में आयोजित शिव महापुराण का आयोजन कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने करवाया है, जो 5 सितंर से 9 सितंबर तक चलेगी. कथा के तीसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने ये बयान मीडिया से मुखातिब होते हुए दिया. उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि उदयनिधि की टिप्पणी के हिसाब से वो भी ‘डेंगू-कोरोना’ की संतान हुए.

सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी

जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर आपत्तिजनक बयान देते हुए इसकी तुलना बीमारियों से की थी. उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू-कोरोना जैसा है. इसे खत्म कर देना ही ठीक है. उदयनिधि ने कहा था कि जिस तरीके से बीमारियों को खत्म किया जाता है, वैसे ही इसे खत्म करना चाहिए. डीएमके नेता की इस टिप्पणी के बाद से कई नेता और सनातन धर्म के लोग उनका विरोध कर रहे हैं.

इससे पहले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी उदयनिधि के बयान का विरोध किया था. बागेश्वर धाम के महंत ने कहा था कि ऐसा लगता है मानो नेता का दिमाग फिर गया है. उन्हें पागलखाने की जरूरत है. खुद सनातनी होकर वे सनातन धर्म की जड़ें काटना चाहते हैं.