कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को राजस्थान के टोंक जिले के निवाई में एक जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसकी नीतियां गरीबों को नहीं, बल्कि अमीरों को फायदा पहुंचाने के लिए हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी विदेश जाते हैं और वापस आकर कहते हैं कि हमारा सम्मान बढ़ गया है. बाद में हमें पता चला कि उन्होंने जाकर अपने उद्योगपति दोस्तों के लिए सौदे किए और बड़े उद्योगपतियों को वहां से कारोबार मिल रहा है.

कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर जाते हैं और अपने उद्योगपति मित्रों के लिए सौदे करते हैं. उन्होंने कहा, हर चीज के लिए वह अपने उद्योगपति मित्रों के हितों को जनता के हितों से ऊपर रखते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा का एकमात्र ध्यान सत्ता में बने रहना है जबकि गरीबों और मध्यम वर्ग का केंद्र सरकार को कोई ध्यान नहीं है.

प्रियंका ने राजस्थान का जिक्र करते हुए कहा कि मैं यहां एक ऐसे व्यक्ति से मिली, जिसे राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री योजना के तहत मोबाइल फोन मिला. जब आपको राज्य सरकार से कुछ मिलता है तो आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि आपको सरकार से कुछ मिला है. ये आपका अधिकार है जो आपको मिला है.उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही भगवान है, जनता ही सर्वोपरि है. इसी भावना के साथ मुख्यमंत्री, नेता काम कर रहे हैं. लेकिन जब इंसान को सत्ता मिलती है तो वह भूल जाता है कि उसे सत्ता तक किसने पहुंचाया, लेकिन हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि आपको सत्ता में कौन लाया.

LPG के दामों को लेकर केंद्र को घेरा

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने LPG के दामों को लेकर केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि देश में गैस सिलेंडर 1000 रुपये का है, इतना महंगा सिलेंडर खरीदने में परेशानी होती है. लेकिन राजस्थान सरकार आपको 500 रुपये में दे रही है, क्योंकि बीजेपी को आपकी परवाह नहीं है.देश में ऐसे हालात क्यों बने? जब दुनिया भर में तेल कंपनियां इतना मुनाफा कमा रही हैं तो यहां तेल इतना महंगा क्यों है?

पुरानी पेंशन को लेकर केंद्र पर निशाना

प्रियंका गांधी ने कहा कि हिमाचल में जब सेब विक्रेता सेब बेचने गए तो प्रधानमंत्री मोदी के मित्र अडानी ने सेब के दाम बढ़ा दिए. जब लोग सीमेंट खरीदने गए तो अडानी ने सीमेंट के दाम बढ़ा दिए. लोगों ने पुरानी पेंशन योजना मांगी, लेकिन मोदी सरकार नहीं दे रही है. वे पुरानी पेंशन योजना के लिए पैसा नहीं दे रहे हैं. क्योंकि मोदी सरकार के पास जो पैसा है, उसका इस्तेमाल प्रधानमंत्री के उद्योगपति मित्रों के कर्ज माफ करने में किया जा रहा है. जब वे अपने उद्योगपति मित्रों को कंपनियां बेचते हैं, तो किसे नुकसान होता है? जब वे पुरानी पेंशन नहीं देते तो कष्ट किसे होता है? मेरी बहनें सबसे ज्यादा पीड़ित हैं.