बुधवार को झारखंड में बड़ी संख्या में कुड़मी समाज के लोग रेल रोको अभियान के साथ स्टेशनों पर पहुंचे और ट्रेनों को रोकने की कोशिश की. हालात को देखते हुए रांची सदर एसडीओ दीपक कुमार दुबे ने मंगलवार शाम छह बजे से अगले आदेश तक के लिए सिल्ली अंचल क्षेत्र में धारा 144 लगा दिया है. प्रशासन के सख्त आदेश से पूरे क्षेत्र में किसी प्रकार के घातक हथियार, बंदूक, राइफल, रिवॉल्वर, पिस्टल, लाठी, डंडे, तीर-धनुष लेकर चलने पर पाबंदी लगाई गई है.

प्रशासन ने इस दौरान सरकारी काम-काज में बाधा पैदा करने वाले और यातायात रोकने वालों की वीडियोग्राफी करने का भी आदेश जारी कर रखा है. रेल रोको अभियान में किसी भी तरह के उपद्रव को रोकने और आंदोलनकारी से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल, अग्निशमन दस्ता, एंबुलेंस और चिकित्सकों की भी व्यवस्था की है.

आंदोलनकारियों की मांग क्या है?

रेल रोको अभियान में शामिल आंदोलनकारियों का साफतौर पर करना है कि जब तक कुड़मी समाज को एसटी का दर्जा नहीं दिया जाता है और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जाता, तब तक वे इस अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन जारी रखेंगे.

हावड़ा रेल मार्ग किया जाम

अपनी मांग के समर्थन में झारखंड में टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में पुरुष और महिला हाथों में झंडे लेकर नारे लगाते हुए मुरी स्टेशन की तरफ निकले. हालांकि उन्हें रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. इसके बावजूद बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आंदोलनकारियों ने हावड़ा रेल मार्ग को जाम कर दिया.