मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अब ‘आप’ के बाद ‘बाप’ भी उतर आया है. पश्चिमी मध्यप्रदेश की 21 आदिवासी बहुल विधानसभा सीटों पर ‘बाप’ के लड़ने की चर्चा है. भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) मूलतः राजस्थान के मध्यप्रदेश और गुजरात से सटे भील आदिवासी बहुल इलाकों की पार्टी है. बीते 10 सितंबर 2023 को ही भारतीय आदिवासी पार्टी यानी ‘बाप’ की लॉन्चिंग हुई थी. मुख्यतः भीलप्रदेश की मांग के साथ आदिवासियों के संवैधानिक हक जमीन पर दिलवाने के एजेंडे के साथ यह पार्टी बनाई गई है.

भारतीय आदिवासी पार्टी के मध्यप्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष ईश्वर गरवाल कहते हैं कि अपनी विचारधारा को लेकर BAP पश्चिम मध्यप्रदेश के झाबुआ, रतलाम, अलीराजपुर, धार, खरगोन और बड़वानी की सभी आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

गरवाल कहते हैं कि भारत आदिवासी पार्टी चाहती है कि आदिवासियों के लिए बने संवैधानिक अधिकार कागजों से निकलकर जमीन पर आएं और इसके लिए विधानसभा में अपनी विचारधारा के विधायकों का पहुंचना जरूरी है. इसलिए हमने तय किया है कि हम मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और अधिकतर सीटें जीतकर विधानसभा में सरकार को मजबूर करेंगे कि वह आदिवासियों को उनका संवैधानिक हक जैसे कि पांचवीं और छठवीं अनुसूची आदि जैसे अधिकार दे.

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कुल 47 आदिवासी समुदाय के लिए सीटें आरक्षित हैं. इन 47 सीटों सहित 80 सीटों पर आदिवासी मतदाता चुनाव परिणामों को प्रभावित करते हैं. मध्यप्रदेश की आबादी में 22 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है यानी मध्यप्रदेश का हर पांचवां मतदाता आदिवासी है. इसी आंकड़े के चलते भारत आदिवासी पार्टी को पश्चिम मध्यप्रदेश में अपनी घुसपैठ करने की उम्मीद है.