राजस्थान के भीलवाड़ा में धार्मिक शोभायात्रा के दौरान मधुमक्खियों ने हमला कर दिया. मधुमक्खियों के हमले से एक बुजुर्ग की मौत हो गई और चालीस लोग घायल हो गए. इस घटना से गांव के लोगों की खुशियां मातम में बदल गई. जानकारी के मुताबिक, मधुमक्खियों के हमले से मारे गए बुजुर्ग के शरीर से 50 से अधिक डंक निकाले गए हैं.
घटना जित्या माफी गांव की है. यहां के रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार शाम को गाजे-बाजे के साथ चारभुजा नाथ भगवान को गांव के धर्माऊ तालाब पर जल विहार करने ले जा रहे थे. इसी दौरान अचानक वहां से गुजर रही मधुमक्खियों ने लोगों पर हमला कर दिया. इसमें करीब 40 लोग घायल हो गए. सभी लोगों का डॉक्टर बुलाकर घर पर इलाज किया गया.
वहीं, मधुमक्खियों के काटने से गांव के ही रहने वाले 65 साल के रामनिवास शर्मा की हालत बिगड़ गई. पीड़ित को जिला चिकित्सालय भीलवाड़ा ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को रामनिवास का दाह संस्कार कर दिया गया. बताया गया कि रामनिवास के शरीर से 50 डंक निकाले गए हैं.
मधुमक्खियों का डंक होता है किलर
राजकीय महात्मा गांधी चिकित्सालय भीलवाड़ा के अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने बताया कि मधुमक्खियों के डंक में फार्मिक एसिड होता है. जैसे ही मधुमक्खियां किसी व्यक्ति को डंक मारती है, तो यह फार्मिक एसिड उसके शरीर में पहुंच जाता है. इससे चमड़ी पर सूजन आ जाती है और दर्द होने लगता है. कुछ मधुमक्खियों के काटने से बुखार भी आ जाता है.
मधुमक्खियों के डंक मारने से ब्लड प्रेशर हो जाता है कम
इन मधुमक्खियों के डंक का असर एक-दो घंटे से लेकर एक-दो दिन तक रहता है. पर किसी व्यक्ति को सैकड़ों मधुमक्खियां डंक मारती है, तो उसकी जान का खतरा हो जाता है. यदि पीड़ित व्यक्ति बुजुर्ग या बच्चा है, तो उसकी मौत की संभावना बढ़ जाती है. शरीर में मधुमक्खियों के डंक लगने से ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और उसके बाद हार्ट अटैक भी आ सकता है.