उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में नेपाली हाथियों के एक झुंड ने तीन ग्रामीणों पर हमला कर दिया. जिसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए. जिन्हें इलाज के लिए सीएचसी पूरनपुर में भर्ती कराया गया था. इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया. इस घटना के बाद वन विभाग और पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची मामले की जांच शुरू की. गांव में दहशत के साथ ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी दिखाई दे रहा है.
यह घटना माधोटांडा थाना क्षेत्र के गांव मूसापुर हुई. यह इलाका बराही जंगल से सटा है. गांव से कुछ दूरी पर जंगल स्थित है. कई दिनों से यहां पर नेपाल से आए कुछ जंगली हाथी अपना डेरा जमाए हुए हैं. मंगलवार रात लगभग 8 बजे गांव के रहने वाले रमेश साइकिल से अपने दो साथियों बाबूराम और सुरेंद्र लाल के साथ खेत से घर की तरफ लौट रहा था. तभी अचानक पांच हाथियों ने इन पर हमला कर दिया. रमेश (42) को हाथियों ने बुरी तरह से रौंद दिया. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. बाबूराम और सुरेंद्र लाल हालत गंभीर बनी हुई है.
नेपाली हाथियों ने तीन किसानों को कुचला, एक की मौत
ग्रामीणों ने बताया कि पटाखों व शोर कर हाथियों को बड़ी मुश्किल से खदेड़ा. साथ ही उन्होंने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप भी लगाया. क्योंकि पिछले 5 दिन से नेपाली हाथी क्षेत्र में उत्पाद मचा रहे हैं. इसकी जानकारी वन विभाग को थी बावजूद इसके कोई एक्शन नहीं लिया गया. जिस कारण यह घटना हो गई. बाबूराम की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया है. बता दें, बीते दिन एक टाइगर ने ग्रामीण पर हमला कर उसे मौत की घाट उतार दिया था. बताया जा रहा है कि हाथी अभी भी नेपाल वापस नहीं गए हैं.
वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर मौजूद
वहीं इस मामले पर कलीनगर एसडीएम आशुतोष गुप्ता ने फोन पर बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. मौके पर वन विभाग की टीम पहुंच गई है और हाथियों की निगरानी की जा रही है. वही थाना माधोटांडा प्रभारी अचल कुमार ने भी फोन पर बताया कि घटना स्थल पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. नेपाली हाथी भटक कर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में आ गए हैं.