छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के महज कुछ दिनों ही पहले प्रवर्तन निदेशालय की रेड ने सभी को हैरान कर दिया है. शुक्रवार को ईडी ने राज्य में 10 ठिकानों में छापा मारा है. सभी नाम घोटाले से जुड़े व्यापारी और राइस मिलर्स के हैं. छत्तीसगढ़ में अब तक कोल और शराब घोटाला मामले में ईडी ने कार्रवाई की है जिसके बाद अब चावल घोटाला मामले में भी ईडी ने जांच शुरू कर दी है. इस मामले में आईटी की कार्रवाई के बाद अब ईडी की दबिश ने हड़कंप मचा दिया है. आज सभी छापे राइस मिलर्स या चावल व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों के ठिकानों पर पड़े हैं.
प्रदेश में ये कार्रवाई कोरबा दुर्ग और तिल्दा के पांच से ज्यादा ठिकानों पर चल रही है. ईडी के अधिकारी सभी ठिकानों पर दस्तावेज खंगाल रहे हैं. बताया जा रहा है कि ईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार को जिन ठिकानों पर छापा मारा है. उनमें रायपुर के तिल्दा स्थित तुरुपति राइस मिल, कोरबा में मोदी राइस मिल, भिलाई के कैंबियन होटल शामिल हैं. इस छापे में कोरबा में भाजपा के कोषाध्यक्ष गोपाल मोदी के ठिकाने में भी ईडी के अधिकारियों ने दबिश दी है. पूर्व राइस मिल एसोशिएशन के अध्यक्ष और व्यवसायी गोपाल के सीतामणी स्थित निवास पर घर के दोनों दरवाजे से ईडी के अधिकारी अंदर पहुंचे.
क्या है छत्तीसगढ़ चावल घोटाला?
सूत्रों की मानें तो जिस नाम घोटाले या चावल घोटाला को लेकर कार्रवाई की बात कही जा रही है, दरअसल वह कथित रुप से मिलर्स से वसूली जाने वाली राशि का मामला है जो कि उसे मिलिंग के लिए प्राप्त होती थी. पूर्व ने आयकर विभाग के सर्वे में इससे जुड़े दस्तावेज मिले थे जिसके बाद आयकर ने यह मामला ईडी को सौंपा दिया था.