Hamun Cyclone: बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात हामून अब गंभीर रूप ले चुका है। हामून अब धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ रहा है। आशंका है कि बुधवार दोपहर तक हामून बांग्लादेश में चटगांव और खेपुपाड़ा के बीच तट से टकरा जाएगा। जिसके बाद तमिलनाडु और ओडिशा में मछुआरों को समंदर में न जाने की सलाह दी गई है।

वहीं, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से कहा गया है कि देश के ऊपर इसका खास असर नहीं होगा। ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश के आसार विभाग की ओर से जताए गए हैं। इससे पहले हामून नॉर्थ वेस्ट बंगाल की खाड़ी में सक्रिय था। 6 घंटे तक इसके बढ़ने की स्पीड 18 किलोमीटर प्रति घंटा थी। जो नॉर्थ वेस्ट की ओर आ रहा था।

सक्रिय होने के बाद गति होगी कम

इसके बाद इसका स्वरूप बदल गया। जैसे-जैसे स्वरूप विस्तार लेगा, स्पीड कम हो जाएगी। बुधवार को जब तट से टकराएगा, तब इसकी स्थिति गंभीर दबाव वाली होगी। ऐसी स्थिति में हवाओं की गति भले ही तेज हो, लेकिन ये नुकसान नहीं करती हैं।

अभी चक्रवात में 65-70 से लेकर 85 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से हवाएं चल रही हैं। ओडिशा में मछुआरों को समंदर में जाने से रोक दिया गया है। तमिलनाडु के रामेश्वरम के पंबन बंदरगाह पर चेतावनी के लिए तूफान चेतावनी पिंजरा संख्या 2 लगा दिया गया है। आमतौर पर चेतावनी के लिए पिंजरा संख्या 1 से 11 को अंकित किया जाता है। पिंजरा संख्या 2 चक्रवात आने की चेतावनी को जारी करता है।

यह न केवल मछुआरों को समंदर में जाने से बचने की सलाह देता है। बल्कि जो जहाज समंदर में होते हैं, उनको भी बाहर आने का अलर्ट देता है। आईएमडी की ओर से बताया गया है कि मंगलवार शाम शाम 5.30 बजे हामून ओडिशा के पारादीप बंदरगाह से 230 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व में मौजूद था। जो चटगांव से 410 किमी दक्षिणपश्चिम, बांग्लादेश के खेपुपाड़ा से 280 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और पश्चिम बंगाल के दीघा से 240 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व में था।