पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. यह कार्रवाई राशन वितरण में घोटाले के एक मामले में की गई है. वहीं गिरफ्तारी पर मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक ने कहा कि वह एक गंभीर साजिश का शिकार हुए हैं.

दरअसल ईडी के अधिकारियों ने कोलकाता के साल्ट लेक इलाके में स्थित राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के दो घरों पर केंद्रीय बलों की एक टीम के सहयोग से छापा मारा था. उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने मध्य कोलकाता के एमहर्स्ट स्ट्रीट स्थित उनके पैतृक घर की भी तलाशी ली.

विपक्षी नेताओं के खिलाफ राजनीतिक खेल: सीएम ममता

इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेस करके कहा था कि मलिक अस्वस्थ हैं. उन्होंने चेताया था कि आवासों की तलाशी के दौरान यदि मलिक के साथ कुछ हुआ, तो वह भाजपा और ईडी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराएंगी. ममता बनर्जी ने ईडी के छापे को भाजपा का विपक्षी नेताओं के खिलाफ गंदा राजनीतिक खेल बताया.

बता दें कि इस घोटाले का संबंध सार्वजनिक वितरण प्रणाली और कोविड-19 के चलते लगाये गये लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न के वितरण में अनियमितताओं से है. छापेमारी के दौरान मंत्री के कई दस्तावेज जब्त किये हैं और बैंक खातों को भी खंगाला गया.

बंगाल की संस्कृति पर हमला: मंत्री शशि पांजा

वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्य की मंत्री शशि पांजा ने मलिक के आवासों पर छापेमारी की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि यह विजयादशमी के अवसर पर बंगाल की संस्कृति पर हमला है. यह बदले की राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है. हमने देखा है कि दुर्गा पूजा से पहले हमारे नेताओं के परिसरों पर उस समय छापे मारे गए थे, जब हम मनरेगा निधि जारी किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.