राज्यसभा सांसद डॉ. सस्मित पात्रा ने अंगोला के लुआंडा में इंटर पार्लियामेंट यूनियन की 147वीं एसेंबली में कहा कि मानवता के सामने आने वाली बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है. उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम और सर्वधर्म समभाव के सिद्धांत को मानने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा- आज दुनिया जिन हालात से गुजर रही है, उस संकट को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को अपनाया जाना चाहिए.

राज्यसभा सांसद डॉ. सस्मित पात्रा ने इस दौरान नई दिल्ली में P20 फोरम में प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य को दोहराया कि विभाजित दुनिया मानवता के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान नहीं दे सकती. हमें वैश्विक विश्वास की कमी को दूर करना होगा और मानव-केंद्रित सोच पर आगे बढ़ना होगा.

एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य

डॉ. सस्मित पात्रा ने कहा कि आज दुनिया भर में जो कुछ भी हो रहा है, उससे दुनिया के युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. उन्होंने कहा- हमें दुनिया को एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य की भावना से देखना होगा. इसी भावना के साथ भारत ने अफ्रीकी संघ को G20 का स्थायी सदस्य बनाने का प्रस्ताव रखा और हमें खुशी है कि सभी G20 सदस्य देशों ने इसे स्वीकार किया.

दशकों से भारत आतंकवाद से है प्रभावित

डॉ. सस्मित पात्रा ने अपने संबोधन में आतंकवाद का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत दशकों से आतंकवाद से पीड़ित रहा है. भारत में आतंकवादियों ने हजारों निर्दोष लोगों की जान ली है. करीब 20 साल पहले आतंकियों ने हमारी संसद को भी निशाना बनाया था. उस समय संसद का सत्र चल रहा था. आतंकियों ने सांसदों को बंधक बनाकर उनकी हत्या करने की साजिश रची थी. ऐसे कई आतंकी हमलों से निपटने के बाद भारत आज यहां तक ​​पहुंचा है.