इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग को लेकर मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम का बड़ा दावा सामने आया है. मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इजराइली सेना द्वारा गाजा पर बमबारी से हुई क्षति द्वितीय विश्व युद्ध में हिरोशिमा में हुई क्षति से अधिक है.

मलेशिया के प्रधानमंत्री की यह तुलना अतिशयोक्ति नहीं है, क्योंकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर यूरो-मेडिटेरेनियन की घोषणा के अनुसार, गाजा पर गिराए गए बमों की शक्ति हिरोशिमा में परमाणु विस्फोट की शक्ति से 1.5 गुना है. इसके साथ ही जापानी शहर का क्षेत्रफल 900 वर्ग किलोमीटर है, जबकि गाजा का क्षेत्रफल 360 किलोमीटर से अधिक नहीं है.

इसमें बताया गया कि इजराइल पहले ही 4 सप्ताह में गाजा पर 25,000 टन से अधिक बम गिरा चुका है, जो लगभग दो हिरोशिमा बमों के बराबर है! पूरे गाजा पट्टी में सभी आवास इकाइयों में से आधे से अधिक क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. इजराइल की ओर से गाजा पर किए हमले में अब तक 9000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

9 हजार से ज्यादा मौत

रिपोर्ट के अनुसार, इस बमबारी में 4053 बच्चों और 2570 महिलाओं सहित 9681 लोग मारे गए. 26990 लोग घायल हुए और 2219 लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हैं. बमबारी ने लगभग 15,000 लोगों को विस्थापित कर दिया है. 84,100 आवासीय मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, दर्जनों स्कूलों, अस्पतालों और औद्योगिक सुविधाओं के अलावा 146,100 आवासीय इकाइयों को क्षतिग्रस्त कर दिया है.

हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु विस्फोट

75 साल पहले एक अमेरिकी बी-29 बमवर्षक ने हिरोशिमा पर एक नया परमाणु बम गिराया था, जिसमें लगभग 70,000 लोग तुरंत मारे गए थे और हजारों लोगों की दर्दनाक व लाइलाज विकिरण के कारण बाद में मौत हुई थी. इस परमाणु हमले के पीड़ितों की संख्या का केवल अनुमान लगाया गया है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि हिरोशिमा के 350,000 निवासियों में से 140,000 लोग इस परमाणु विस्फोट में मारे गए थे. इसके साथ ही कम से कम 74,000 लोग नागासाकी की परमाणु बमबारी में मारे गए थे.