नई दिल्ली: रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने (Cash For Query) के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर सांसदी खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है. इस मामले की जांच के बाद पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी (Parliament Ethics Committee) ने शुक्रवार को रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है. इसके बाद कमेटी के 10 में से 6 सदस्यों ने इस मामले की जांच रिपोर्ट को मंजूरी के समर्थन में वोट किया. 4 सदस्यों ने इसके विपक्ष में वोट दिया. सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि महुआ मोइत्रा अपने संसद अकाउंट का लॉग-इन और पासवर्ड बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को दिया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के लिए बड़ा खतरा है. ऐसे में इस अपराध के लिए महुआ मोइत्रा को सख्त सजा मिलनी चाहिए. कमेटी ने मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है.
पहले जानिए कमेटी ने रिपोर्ट में क्या सिफारिश की?
सूत्रों के मुताबिक, एथिक्स कमेटी ने अपनी सिफारिश में सबसे प्रमुख आधार राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाया. अपनी सिफारिश में कमेटी ने कहा है कि महुआ मोइत्रा ने अपनी संसदीय अकाउंट की लॉग-इन डिटेल अनाधिकृत व्यक्तियों के साथ शेयर की हैं, जिसका असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ता है. कमेटी ने इसे गंभीर अपराध माना है.
कमेटी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा “अनैतिक, जघन्य और आपराधिक कृत्य” बताते हुए इसकी जांच भारत सरकार से समयबद्ध तरीके से करवाने की सिफारिश की है. इसके अलावा कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से मोइत्रा ने जो कैश और अन्य सुविधाएं लीं, उसके Money Trail की जांच भी समयबद्ध तरीके से करवाने की सिफारिश की गई है.
बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे. दुबे ने महुआ के एक्स लिव इन पार्टनर और वकील जय अनंत देहद्राई की लिखी चिट्ठी को आधार बनाकर ये आरोप लगाए थे. इस मामले को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया गया था.