उत्तर प्रदेश में प्राइमरी टीचर की भर्ती को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ी राहत देते हुए 12,460 असिस्टेंट टीचर के चयन प्रक्रिया को रद्द करने फैसके को खारिज कर दिया है. बता दें कि यह मामला साल 2018 से पेंडिंग था. इस फैसले के बाद हजारों युवाओं को राहत मिलने वाली है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद उक्त भर्ती के क्रम में बचे हुए 6470 पदों के लिए कॉमन मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि इन पदों के लिए तीन माह के भीतर राज्य सरकार नियुक्तियां कर लें.
2016 में आई थी वैकेंसी
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एआर मसूदी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने इस मामले में फैसला सुनाया है. मोहित कुमार द्विवेदी और अन्य चयनित अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल 19 स्पेशल अपीलों पर सुनवाई की गई है. बता दें कि इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 21 दिसंबर 2016 को जारी हुई थी.
राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि लंबित इस वैकेंसी के लिए जल्द काउंसलिंग कराई जाए. यूपी बेसिक एजुकेशन टीचर्स सर्विस रूल्स 1981 के नियमों का पालन करते हुए नए सिरे से काउंसलिंग कराया जाए. कुछ अभ्यर्थियों और राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए 19 अपीलें दाखिल की थीं.
12460 टीचर्स की वैकेंसी
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में असिस्टेंट टीचर की भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी हुआ था. इस वैकेंसी के माध्यम से कुल 12460 पदों पर भर्तियां होनी थी. इसमें से 5990 पदों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति हो गई है. इसके अलावा बचे हुए 6470 पदों के नियुक्तियां नहीं हो पाई थीं. अब इन पदों के लिए 3 माह के भीतर नियुक्ति कराने का आदेश जारी किया गया है.