शिवसेना (यूबीटी) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक वादे को लेकर निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है. अमित शाह ने कहा था कि मध्य प्रदेश में अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार सत्ता में बनी रहती है तो वह राज्य के लोगों के लिए अयोध्या में राम मंदिर में दर्शन कराने की व्यवस्था करेगी. वहीं इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी ने इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या उसने आदर्श आचार संहिता में ढील दी है.

ठाकरे ने कहा कि चुनाव में आचार संहिता होती है, शिवसेना की तरफ से हमने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा लगता है की चुनाव के दौरान बीजेपी को फ्री हिट मिलती है.

बजरंग बली के नाम पर वोट

उद्धव ठाकरे ने कहा कि इतिहास में ऐसी घटनाएं हुई है जब हिंदुत्व का प्रचार करने की वजह से बाल ठाकरे के मतदान का अधिकार पर 6 साल के लिए रोक लगा दिया गया था. उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव के वक्त भी पीएम मोदी ने बजरंग बली के नाम पर वोट मांगा था. पीएम मोदी जब कहते हैं की बजरंग बली का नाम लेकर ईवीएम का बटन दबाओ तो क्या ये चुनाव आयोग के नियम का उल्लंघन नहीं है.

चुनाव आयोग से पूछा सवाल

अब एमपी चुनाव में अमित शाह ने कहा है की रामलला के दर्शन मुफ्त में करायेंगे. उन्होंने कहा कि अमित शाह आप सिर्फ एमपी नहीं बल्कि देश में सभी रामभक्तों को मुफ्त में रामलला के दर्शन करवाओ. हमने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पुछा है कि, वह बताएं कि क्या धर्म के नाम पर चुनाव प्रचार करने पर लगी पाबंदी का नियम बदल दिया गया है? अगर हां तो क्या इसकी जानकारी सिर्फ बीजेपी को दी गई है? अगर इस नियम को बदला गया है तो हम भी जय भवानी जय शिवाजी, जय श्री राम, गणपती बप्पा मोरया का नारा देकर वोट मांगेंगे.