भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को तेलंगाना में चुनाव प्रचार के दौरान सत्ताधारी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि के चंद्रशेखर राव सरकार ने उर्दू को राज्य की दूसरी भाषा बना दिया. सरकार की ओर से राज्य में मंदिरों की जमीनों को हड़पने की कोशिश की जा रही है.

नड्डा ने रंगारेड्डी जिले में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ पीएम मोदी देश की जनता की भलाई के लिए काम कर रहे हैं तो दूसरी ओर केसीआर तेलंगाना में तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं. क्या उन्होंने उर्दू को दूसरी भाषा नहीं बनाया? क्या वे धर्म के नाम पर 4 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं? क्या वे मंदिरों की जमीन हड़पने की योजना बना रहे हैं?

उन्होंने कहा, हमें ऐसे लोगों को हटाना होगा जो इस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. केसीआर ने 2014 में मुसलमानों के लिए 12 फीसदी आरक्षण का वादा किया था. 2017 में सरकार ने मुसलमानों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोटा बढ़ाने के लिए एक विधेयक पारित किया.

केंद्र सरकार से नहीं मिल पाई थी मंजूरी

हालांकि, न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जब राज्य सरकार ने विधेयक को मंजूरी देने और इसे संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा तो इसे अस्वीकार कर दिया गया. इसके बाद कोटा नहीं बढ़ पाया. नड्डा ने बीआरएस विधायकों पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि विधायकों ने दलित बंधु योजना में 30 फीसदी कमीशन लिया है.

केसीआर को घेरने 5जी फॉर्मूला

नड्डा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केसीआर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि मियापुर में 4000 करोड़ का घोटाला किया गया. आउटर रिंग रोड के लिए 1000 करोड़ की रिश्वत ली. उन्होंने कहा कि बीआरएस पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. तेलंगाना में केसीआर सरकार के लिए 5जी फॉर्मूले का जिक्र करते हुए कहा कि यहां गरीबी, घोटाला, घूसखोरी, घपलेबाजी, गुंडाराज है.