पश्चिम बंगाल में छठ पूजा पर सीएम ममता बनर्जी ने दो दिनों की छुट्टी का ऐलान किया है. इसके साथ ही छठ पूजा में छुट्टी को लेकर ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर निशाना साध रही हैं और दावा कर रही हैं कि बंगाल सरकार छठ पूजा पर दो दिन की छुट्टी देती है, लेकिन केंद्र सरकार छठ पूजा पर छुट्टी नहीं देती है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ममता बनर्जी छठ पूजा पर दो दिनों की छुट्टी देकर राज्य के हिंदी भाषियों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं.

बता दें कि बंगाल में छठ पूजा के त्योहार ज्यादातर हिंदी भाषी करते हैं. हिंदी भाषी पश्चिम बंगाल में कोलकाता, उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, आसनसोल, दुर्गापुर सहित उत्तर बंगाल के कई इलाकों में बड़ी संख्या में बसे हुए हैं और धूमधाम से छठ पूजा का आयोजन करते हैं.

हिंदी भाषी प्रदेशों की तरह ही बंगाल की राजधानी कोलकाता सहित जिलों के गंगा घाट के किनारे छठव्रती बड़ी संख्या में उपस्थित होती हैं और भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं. राज्य सरकार की ओर से उनके लिए व्यवस्था की जाती है.

ममता की हिंदी भाषियों को लुभाने की कवायद

बंगाल के शहरी मतदाताओं में बड़ी संख्या में हिंदी भाषी मतदाता हैं और ममता बनर्जी उन मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है. प्रायः ही बंगाल में यह धारणा है कि हिंदी भाषी मतदाता भाजपा के समर्थक हैं. ऐसे में ममता बनर्जी छठ पूजा के जरिए उन हिंदी भाषी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही हैं.

अगले साल लोकसभा चुनाव हैं. राज्य में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं और पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत हासिल कर ममता बनर्जी को चुनौती दी थी और अब ममता बनर्जी यह पूरी कोशिश कर रही है कि राज्य में बीजेपी को मिलने वाली सीटों की संख्या के आंकड़ा को कम किया जाए और इसमें हिंदी भाषियों का समर्थन बहुत जरूरी होगा. मुख्यमंत्री हर वर्ष की भांति रविवार को वह कोलकाता बंदरगाह क्षेत्र के दहीघाट में छठ पूजा समारोह में शामिल हुईं. बाद में छठ देवी की पूजा में खुद भी शामिल हुईं.

केंद्र सरकार नहीं देती है छुट्टी, ममता का निशाना

अपने भाषण में ममता बनर्जी ने कहा, ”आपकी जानकारी के लिए, सोमवार को भी छुट्टी रहेगी. मैंने छठ पूजा के अवसर पर दो दिन की छुट्टी दी है. जैसा कि आप जानते हैं, दिल्ली में भी छठ पूजा के लिए कोई छुट्टी नहीं दी जाती है. हमारी सरकार सभी पूजाओं पर छुट्टी देती है.”