हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में हत्या और रेप के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर जेल से बाहर आने के लिए 21 दिन की फरलो मिल गई है. राम रहीम जेल से बाहर आने के बाद एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा आश्रम में रहेगा. लेकिन इस बार राम रहीम को हर बार पैरोल या फरलो दिए जाने की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.

दरअसल गुरमीत राम रहीम मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर के गुरुसर मोड़िया गांव का रहने वाला है. हरियाणा और पंजाब की सीमा से लगते राजस्थान के कई जिलों में गुरमीत राम रहीम का काफी आधार माना जाता है. राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू समेत कई जिलों में गुरमीत राम रहीम का खासा प्रभाव है. यहां के तकरीबन हर जिले में डेरा सच्चा सौदा के आश्रम मौजूद हैं, जहां पर बड़ी संख्या में अनुयायी इनसे जुड़े हैं.

कब-कब आया जेल से बाहर

गुरमीत राम रहीम 25 अगस्त 2017 से जेल में सजा काट रहा है. उसे पहली बार 24 अक्टूबर 2020 को 24 घंटे के लिए पैरोल दी गई थी.
21 मई 2021 को बीमार मां से मिलने के लिए गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिली.
7 फरवरी 2022 में गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली.
17 जून 2022 को 30 दिन की पैरोल मिली.
15 अक्टूबर 2022 को 40 दिन की पैरोल मिली.
21 जनवरी 2023 को 40 दिन की पैरोल मिली.
20 जुलाई 2023 को 30 दिन की पैरोल मिली.
15 अगस्त 2023 को जन्मदिन के मौके पर गुरमीत राम रहीम को पैरोल दी गई.

जेल से बाहर लाने की टाइमिंग पर सवाल

इस बीच कई मौके ऐसे रहे, जिसमें गुरमीत राम रहीम को पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर लाने की टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया गया. राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग है, उसे 4 दिन पहले गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर फरलो मिली है. फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिली. इसके बाद हरियाणा निकाय चुनाव के दौरान भी गुरमीत राम रहीम पैरोल पर बाहर था और लगातार ऑनलाइन सत्संग करके शक्ति प्रदर्शन कर रहा था. इस दौरान कई सरपंचों और नगर निगमों के अलग-अलग पदों के उम्मीदवार उसके सत्संगों में नतमस्तक होते हुए दिखाई दिए.