प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में आज वर्चुअल जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा. वहीं क्रेमलिन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस समिट में भाग लेंगे. यह वर्चुअल जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन शाम 5:30 बजे से आयोजित किया जाएगा और इसमें विश्व नेताओं की एक बड़ी सभा होगी. वर्चुअल शिखर सम्मेलन में कई प्रमुख मुद्दों पर बात होगी. इसमें सितंबर में नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के परिणामों और कार्रवाई बिंदुओं का चयन किया जाएगा और तब से हुए विकास की समीक्षा की जाएगी.

क्रेमलिन ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि आज व्लादिमीर पुतिन वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. जानकारी के मुताबिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले लोग 2023 में भारत के राष्ट्रपति पद की समीक्षा करेंगे और वैश्विक अर्थव्यवस्था और फाइनेंस, जलवायु एजेंडा, डिजिटलीकरण और अन्य विषयों पर चर्चा करेंगे.

वर्चुअल जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता

जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि वर्चुअल जी20 शिखर सम्मेलन पीएम मोदी की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा. यह शिखर सम्मेलन के नतीजों को लागू करने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए भाग लेने वाले विश्व नेताओं द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन को आगे बढ़ाएगा.

विश्व नेताओं का जमावड़ा

जी20 शेरपा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि बुधवार को आयोजित होने वाला जी20 का वर्चुअल शिखर सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सप्ताह के 78वें सत्र और एसडीजी शिखर सम्मेलन के समापन के बाद से विश्व नेताओं का एक प्रमुख जमावड़ा होगा. 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत 22 नवंबर को जी20 अध्यक्षता के समापन से पहले एक वर्चुअल जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

11 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को किया आमंत्रित

वर्चुअल G20 लीडर्स समिट की अध्यक्षता पीएम मोदी करेंगे. अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष सहित सभी जी20 सदस्यों के नेताओं के साथ-साथ नौ अतिथि देशों और 11 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा, 17 नवंबर को आयोजित दूसरे वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट के विचार-विमर्श भी चर्चा में शामिल होंगे. पीएम मोदी ने शुक्रवार को वैश्विक दक्षिण देशों के लिए वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन किया था. उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी में पीएम मोदी ने पहले वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के दौरान केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था.