भारतीय नौसेना दुनिया में अपने शक्तिशाली प्रदर्शन का दमखम हमेशा दिखाता रहा है. एक बार फिर से शक्ति प्रदर्शन करते हुए भारतीय नौसेना ने पहली बार, सेना में शामिल होने वाले किसी युद्धपोत से मिसाइल दागी है. इस युद्धपोत का नाम है विशाखापट्टनम क्लास स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर INS Imphal है.

पहली बार शामिल हुए इस युद्धपोत से मिसाइल भी दागी गई. युद्धपोत INS Imphal इस लिए भी विशेष माना जा रहा है क्योंकि इससे इससे दुनिया की सबसे तेज चलने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल BrahMos दागी गई है. ब्रह्मोस मिसाइल के एक्सटेंडेड वर्जन ने Bulls Eye पर निशाना लगाया है. बुल्स आई का यहां मतलब है, अपने टारगेट पर निशाना लगाना.

इम्फाल दरअसल एक विध्वंसक गाइडेड मिसाइल है. अभी इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना में शामिल नहीं किया गया है. लेकिन, इस साल के अंत तक इसे भारतीय बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा. इसका निर्माण मझगांव डॉकयार्ड में हुआ है.

क्या हैं खासियत?

यह जंगी जहाज 535 फीट लंबा है जिसे डीजल और इलेक्ट्रिक, दोनों पर ही चलाया जा सकता है. जहाज की अधिकतम स्पीड 56 किलोमीटर प्रति घंटा है. अगर इस जहाज को 33 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाएं तो यह 15 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है. इस जंगी जहाज में इस युद्धपोत पर 48 वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) हैं. इसमें एंटी-एयर वॉरफेयर के तौर पर 32 बराक-8 सरफेस-टू-एयर मिसाइल लगी हैं.

एंटी-सरफेस वॉरफेयर तैनात इसके अलावा, एंटी-सरफेस वॉरफेयर के तौर पर 16 ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइलें तैनात हैं. खास बात है कि इस शक्तिशाली जहाज में 4 टॉरपीडो ट्यूब्स और 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स लगे हैं.