जातिगत जनगणना और आरक्षण पर फैसले के बाद बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग वाले प्रस्ताव पर नीतीश कुमार कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. नीतीश कुमार ने खुद सोशल मीडिया पोस्ट पर ये जानकारी शेयर की और केंद्र सरकार से जल्द इस मांग को पूरा करने का अनुरोध किया.

एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी

नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर लंबा चौड़ा पोस्ट करके फैसले की जानकारी दी. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि आज कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. उन्होंने आगे लिखा कि मेरी केंद्र सरकार से मांग है कि वह जल्द से जल्द बिहार के लोगों का हित सोचते हुए इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दें.

रोजगार के लिए 2 लाख रु तक की राशि

नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में जानकारी दी है कि जाति आधारित जनगणना में सभी वर्गों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार हैं, उन सभी परिवारों के एक सदस्य को रोजगार के लिए 2 लाख रुयए तक की राशि दी जाएगी.

साथ ही 63,850 आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों को जमीन के लिए दिए जा रहे 60 हजार रुपए की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख कर दिया गया है. इन परिवारों को मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए दिए जाएंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि इन योजनाओं को पूरा करने के लिए लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे और इसलिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की हम केंद्र से मांग करते हैं.