छत्तीसगढ़ की राजधानी के पांच सितारा होटलों में से एक बेबीलोन में जबरदस्त आग लगने से हड़कंप मच गया. रायपुर के जेल रोड पर स्थित बेबीलोन होटल में अचानक आग लगने से धुएं का गुबार आसमान में छा गया. जैसे ही आस-पास के लोगों ने आग लगी देखी, उन्होंने पहले पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी. इसके बाद होटल संचालक हरकत में आए और फायर ब्रिगेड की मदद से आग बुझाई गई.

जानकारों की माने तो होटल के तीसरे और चौथे माले में घटना के वक्त कमरों में गेस्ट मौजूद थे. लेकिन शुरुआत में किसी को भी आग लगने की भनक तक नहीं लगी. आग की लपटों ने जब विकराल रूप ले लिया तब धुएं और गर्मी की वजह से लोग अपने कमरों से बाहर आए. जैसे ही भीषण आग लोगों ने देखा होटल में चीख पुकार मच गई.

होटल के किचन से लगी आग

हालांकि होटल में आग लगने की वजह अब तक पता नहीं चल सकी है. वहीं होटल संचालकों ने भी आग लगने के 6 घंटे बाद भी कोई लिखित शिकायत या जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है. लेकिन सूत्र बतातें हैं कि आग होटल के किचन से लगी है. यह आग किचन के डग से ही कमरे तक पहुंची है.

बताया जा रहा है कि होटल के किचन के पास वाले दो कमरे खाक हो गए. वहीं होटल में जो भी लोग रुके थे उन्हें आनन-फानन में होटल से बाहर निकाल कर सुरक्षित किया गया है. होटल संचालकों ने भी मीडिया से दूरी बना ली है. हालांकि दमकल की गाड़ियों ने 2 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया है. वहीं स्थानीय पुलिस भी रसूखदार होटल संचालकों के कारण फिलहाल जांच हवाला देते हुए किनारा करती दिखाई दे रही है.

राजधानी के होटलों में आगजनी की घटनाएं

राजधानी के होटलों में आगजनी की घटनाएं अब आम हो चुकी हैं. इससे पहले भी शहर के बीचों बीच स्थित तुलसी होटल आगजनी की घटना में पांच लोगों की जलकर मौत हुई थी. जिसने पूरे शहर के होटलों और बड़े शॉपिंग कॉम्पेल्स की फायर सेफ्टी सिस्टम की पोल खोल दी थी. रायपुर के बड़े होटलों में से एक बेबीलोन में हुए घटना ने एक बार फिर इस सवाल को ताजा कर दिया है.

बेबीलोन में घटना आज शाम की बताई जा रही है. होटल के तीसरे और चौथे माले में आग ने विकराल रूप ले लिया, जिसकी लपटें दूर-दूर तक देखी जा रही थी. जानकारी के बाद फायर ब्रिगेड की चार टीम मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाने की कोशिश में जुट गई. दो घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका. लेकिन सवाल यह है की आग के भयावह रूप लेने से पहले इसकी भनक किसी को कैसे नहीं लगी? क्या होटल में फायर सिस्टम मौजूद नहीं था? या सिस्टम खराब थे? इन सवालों के जवाब भी अभी आना बाकी है. लेकिन इस बात को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता की घटना के दौरान होटल के कमरों में कई लोग मौजूद थे. ऐसे में इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है.