जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक बार फिर से आतंकियों ने भारतीय सुरक्षाबलों पर हमला किया है. राजौरी के कालाकोट के बाज़ीमल इलाके में हुई हमले का भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब भी दिया. मुठभेड़ में भारतीय सेना के जवानों को बड़ी सफलता भी मिली है. सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है. वहीं, अभी भी दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की आशंका जताई जा रही है. मरने वाले दो आतंकियों में से एक की पहचान लश्कर के टॉप कमांडर कॉरी के रूप में हुई है. आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच हुए इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के 2 ऑफिसर और 2 जवान भी शहीद हो गए हैं.

लश्कर के टॉप आतंकी कमांडर क्वारी को डांगरी और कंडी में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. वह एक IED एक्सपर्ट के तौर पर और ट्रेंड स्नाइपर के तौर पर काम करता था. राजौरी का इलाका घने जंगलों से भरा हुआ है, इसी जंगलों में बनी गुफाओं में सुरक्षा बलों की नजरों से बचने के लिए आतंकी क्वारी छुपता था. लेकिन, सुरक्षाबलों ने उसे ढ़ूंढ कर खत्म कर दिया.

जंगलों की गुफाओं को बनाता था ‘हाइड आउट’

दरअसल आतंकी संगठन लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद (JEM) और अल-बदर यह कोशिश कर रहे हैं कि राजौरी और पुंछ में एक बार फिर आतंकवाद को रिवाइव किया जाए. इसके मेन कारण है यहां पर बने घने जंगल. आतंकी, इन जंगल और गुफाओं को अपने हाइड आउट के लिए इस्तेमाल करते हैं, ताकि वह भारतीय सुरक्षाबलों की आंखों से बचा जा सके. हालांकि, सुरक्षाबलों की अलर्टनेस के चलते वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाते हैं और उन्हें जल्द ही न्यूट्रलाइज कर दिया जाता है.

भारी मात्रा में मिले हथियार और गोला बारूद

एक अधिकारी ने बताया, इस ऑपरेशन में क्वारी नाम का आतंकवादी मारा गया है जो एक पाकिस्तीनी नागरिक है. वह लश्कर-ए-तैयबा का टॉप लीडर और आतंकवादी नेता था. आतंकवादियों को पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ट्रेनिंग दी गई थी”.