UP Police Raid For Halal Certified Products: उत्तर प्रदेश में हलाल प्रोडक्ट को लेकर काफी सख्ती बरती जा रही है। योगी सरकार ने हलाल प्रोडक्ट की बिक्री पर बैन लगा दिया है। इसके बावजूद चुपके से हलाल प्रोडक्ट बेचे और खरीदे जा रहे हैं। एक्शन मोड में आते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की टीमों ने हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट की तलाश में गुरुवार रात को उत्तर प्रदेश के 38 जिलों में छापामारी की। करीब 97 जगहों पर 482 दुकानों, स्टोर और प्रतिष्ठानों की जांच की गई। इस दौरान FSDA की टीम ने करीब 23 किलो हलाल प्रोडक्ट जब्त किया। अपर मुख्य सचिव और आयुक्त अनीता सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 80 से ज्यादा प्रोडक्ट मिलावटी मिले, जिन्हें टेस्टिंग के लिए लैब में भेजा गया।
6 जिलों में मिले सबसे ज्यादा हलाल प्रोडक्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन आयुक्त अनीता सिंह ने बताया कि प्रदेश में अब हलाल प्रोडक्ट बैन हैं। ऐसे में स्टोर्स और दुकानदार हलाल प्रोडक्ट न बेचें और न स्टोर करें। कंपनियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे हलाल प्रोडक्ट का स्टॉक मार्केट से उठा लें और नए सिरे से उनकी पैकेजिंग करके ही भेजें। गुरुवार रात को रेड के दौरान मिले प्रोडक्ट पर तेलंगाना, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का लेबल मिला, जिन्हें जब्त कर लिया गया। इन उत्पादों में पास्ता, सेवई, पुदीना, दालें, नमक आदि चीजें शामिल थीं। खुदरा विक्रेताओं और निर्माताओं को फिर से प्रोडक्ट को लेबल करने का निर्देश दिया है। वहीं ज्यादातर हलाल प्रोडक्ट आगरा, मैनपुरी, अयोध्या, गोरखपुर, अंबेडकर नगर और मुरादाबाद जिलों से बरामद किए गए।
हलाल प्रोडक्ट की कमाई फंडिंग करने का शक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अनीता सिंह ने बताया कि हालांकि हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट बरामद होने पर किसी दुकानदान के खिलाफ FIR दर्ज करने का नियम नहीं है, लेकिन टेस्टिंग के बाद जिन उत्पादों में मिलावट की पुष्टि होगी, उन मामलों में FIR दर्ज करवाई जाएगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट बैन कर दिए हैं। अब प्रदेश में इन प्रोडक्ट्स को बनाना, बेचना और स्टॉक करना बैन है। नए आदेशों के अनुसार, अब तेल, साबुन, टूथपेस्ट और शहद जैसे शाकाहारी प्रोडक्ट्स के लिए हलाल प्रमाण पत्र जरूरी नहीं है। योगी सरकार का यह भी मानना है कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अवैध कारोबार हो रहा है। यह अवैध कमाई आतंकी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए फंडिंग की जा रही है।