राजस्थान में 199 सीटों पर मतदान हो गया है. नतीजे 4 दिन बाद यानी 3 दिसंबर को आएंगे. चुनावी मैदान में कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं. जीत-हार को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं. इस बीच, राजस्थान में इस बात को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं कि किस पार्टी के सिर पर जीत का ताज सजेगा?
चर्चाएं यह भी हैं कि क्या अंडरकरंट राजस्थान में कांग्रेस को गद्दी से उतार देगा? जबकि राजनीतिक जानकार भी खुलकर नहीं बता पा रहे हैं कि कौन जीतेगा? हालांकि, कुछ नेता जरूरत दावे कर रहे हैं कि उनकी पार्टी चुनाव जीत रही है. लेकिन, इस चुनाव में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की सीनियर लीडर वसुंधरा राजे के नई रणनीति के साथ मैदान में उतरने की चर्चाओं के भी मायने निकाले जा रहे हैं.
‘ग्राउंड पर सीधा संपर्क बनाया’
दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे अभी भी राजस्थान में बीजेपी का सबसे जाना-पहचाना चेहरा मानी जाती हैं. उनकी संगठन में पकड़ किसी से छिपी नहीं है. उन्होंने इस चुनाव में जमीनी स्तर पर काम किया. चुनावी मैदान में उतरकर स्थानीय वर्कर्स से सीधा संपर्क बनाया. जितना संभव हो सका, उतने लोगों तक पहुंच बनाई. चुनाव प्रचार करते हुए राज्यभर के हर क्षेत्र तक पहुंच बनाई. कहा जाता है कि इस चुनाव में राजे का फोकस लोगों से लोगों को जोड़ने पर रहा है.
‘राजे ने 60 चुनावी सभाएं कीं’
राजे का चुनावी अभियान ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने पर रहा है. इतना ही नहीं, उन्होंने राज्य में प्रमुख उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी सभाएं कीं. इसके अलावा, राजे ने राज्यभर के सभी समुदायों के साथ जुड़ने की कोशिश भी की. जनता की नब्ज पकड़ने के लिए राजे ने कुल 60 जनसभाएं कीं.