वर्ल्ड कप-2023 के फाइनल में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया ने 6 विकेट से हरा दिया था, कश्मीर के 7 छात्रों को टीम इंडिया की हार पर जश्न मनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP प्रमुख महबूब मुफ्ती आरोपी छात्रों के समर्थन में उतरी हैं, उन्होंने कहा है कि अगर वे ऑस्ट्रेलिया की जीत पर खुश होते हैं तो कौनसी बड़ी बात है.

बता दें कि गिरफ्तार किए छात्र शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रिकल्चरल साइंसेस के हैं, उन्हें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया है, महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर कश्मीर के नौजवान ऑस्ट्रेलिया की जीत पर खुश होते है तो कौनसी बड़ी बात है, मैं चाहती हूं कि उनके ऊपर से UAPA हटाना चाहिए.

पुलिस का क्या है बयान?

महबूबा मुफ्ती ने इससे पहले आरोप लगाया था कि इतनी कड़ी सजा से युवाओं पर बुरा असर पड़ेगा, पुलिस ने एक बयान में कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया गया है, साथ ही कहा कि अन्य प्रावधानों के विपरीत, अधिनियम का यह एक हल्का प्रावधान है.

बता दें कि यूएपीए की धारा 13 किसी भी गैरकानूनी गतिविधि की सलाह देने या उकसाने से संबंधित है. इसके तहत सात साल की जेल की सजा का प्रावधान है. छात्रों पर सार्वजनिक शरारत और आपराधिक धमकी से आईपीसी की धारा 505 और 506 के प्रावधान भी लगाए गए हैं, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर पांच साल तक जेल की सजा हो सकती है.

पुलिस का कहना है कि यह घटना महज पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के बारे में नहीं थी.पुलिस ने कहा कि ये नारे, उन लोगों को डराने के लिए लगाए गए थे, जो असहमत थे और साथ ही उन लोगों की पहचान करने और उन्हें बदनाम करने के लिए भी लगाए गए थे जो दूरी बनाए रखना चाहते थे.