सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. उससे पहले राज्यसभा सांसदों के लिए खास निर्देश जारी किये गये हैं. निर्देश यह दिया गया है कि राज्यसभा में उठाए जाने वाले विषयों की पब्लिसिटी नहीं होनी चाहिए. निर्देश में सभी राज्यसभा सांसदों से साफतौर कहा गया है कि जब तक सभापति नोटिस स्वीकृत न कर लें और इसकी जानकारी अन्य सांसदों को न दे दें, तब तक नोटिस सार्वजनिक नहीं होने चाहिए. राज्यसभा सदस्यों के लिए अप्रैल 2022 में प्रकाशित हैंडबुक में उल्लेखित संसदीय परंपराओं और तौर-तरीकों की याद दिलाई गई है.

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सांसदों को जारी किये गये निर्देशों में संसदीय परंपराओं और तौर-तरीकों का विशेष तौर पर हवाला दिया गया है. निर्देश में कहा गया है कि सांसदों को बेवजह और विवादित विषयों के प्रचार प्रसार से बचना चाहिए. अभी तक सांसद खासतौर से विपक्ष के सांसद राज्यसभा में किसी भी अहम मुद्दे को उठाने का नोटिस सार्वजनिक करते आए हैं. लेकिन अब इसे रोकने को कहा गया है.

निर्देश की अहम बिन्दुएं

सदन में थैंक्स, थैंक्यू, जय हिन्द, वंदे मातरम जैसे नारे न लगाए जाएं.

सभापति की ओर से दी गई व्यवस्था की सदन के भीतर या बाहर आलोचना नहीं होनी चाहिए.

सदन में तख्तियां न लहराएं.

आसन को पीठ न दिखाई जाए.

जब सभापति बोल रहे हों तब कोई भी सदस्य सदन न छोड़े, सभापति के बोलते समय सदन में शांति होनी चाहिए.

सदन में एक साथ दो सदस्य खड़े नहीं हो सकते.

सदस्य सभापति के पास सीधा न पहुंचे, वे अटेंडेंड के हाथों पर्ची भेज सकते हैं.