बेटी की विवाह में राजपूत समाज के देवड़ा परिवार ने की मिशाल पेश

उज्जैन के खाचरोद कि हम बात कर रहे हैं खाचरौद तहसील के ठिकाना बागेडी के मध्यम देवड़ा परिवार के पत्रकार दो बेटियों के पिता ठाकुर चन्द्रभान सिंह देवड़ा ने जिन्होंने अपनी बड़ी बेटी भावना का रिश्ता बड़नगर तहसील के ठिकाना बड़गांव के ग्रेजुएट फौजी युवक कुलदीपसिंह चुण्डावत से तय किया, लड़के के पिता ठाकुर लोकेंद्र सिंह ने विवाह में बिना दहेज के और बीना शराब मटन की पार्टी की बात कही, ठाकुर चन्द्रभानसिंह देवड़ा ने ठीक वैसा ही किया और अपनी पोस्ट ग्रेजुएट बेटी भावना के विवाह में राजपूत समाज की कुरीतियों को दरकिनार करते हुए शाही अंदाज में विवाह संपन्न किया।

दो बेटियों के पिता पत्रकार देवड़ा और उनकी पत्नी ने अपनी दोनों बेटियों को लड़के की तरह पढ़ाया लिखाया बेटियां को माता-पिता ने लाड़-प्यार में पाला-पोसा और उनके विवाह में भी बढ़-चढ़ कर हर व्यवस्था करने में सक्षम रहे, उसके साथ ही बेटियों के विवाह में भी समाज की कुरीतियों को दुर करने का संदेश दिया, लड़कों की तरह बेटी को घोड़ी पर बैठाकर दुल्हन बनाकर निकाला और बारातियों के शानो-शौकत,स्वागत-सम्मान में भी किसी प्रकार की कमी नहीं रखते हुए बेटी को राज़ी खुशी नव दाम्पत्य जीवन में विदा किया।

समाज की कुरीतियों को दरकिनार करते हुए विवाह सम्पन्न हुआ जिसकी प्रशंसा विवाह समारोह में आये हर उस शख्स समाज रिस्तेदार, मेहमान और मित्रों ने करी. आपको बता दें कि राजपूत समाज में बेटियों के विवाह में दहेज देना और बारातियों को शराब मटन परोसा जाता है, सम्पन्न परिवार तो इसे करना अपनी आन बान समझते हैं लेकिन गरीब परिवारों को भी इसे करना अपनी मजबूरी हो जाती है। चन्द्रभान सिंह देवड़ा पत्रकार के साथ साथ समाज सेवी भी हैं दहेज विरोधी संगठन सेबी जुड़े है जिन्होंने अपनी बेटी के विवाह से ही शुरुआत कर समाज को नई दिशा दिखाई है.