राजस्थान की राजधानी जयपुर में मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक हुई है. बैठक के बाद सूबे के निवर्तमान मुख्यमंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत का कहना है कि बैठक बहुत अच्छे माहौल में हुई है और बैठक में प्रस्ताव पास हुआ है कि हाईकमान जिसको भी विधायक दल का नेता बनाएगा वह उसे स्वीकार करेंगे.

उन्होंने कहा कि मुझे लग रहा था कि इस बार सरकार हमारी ही बनेगी. जनता की सेवा करता रहूंगा. कोई पद की बात नहीं है. अब सब लोकसभा की तैयारी के लिए लग जाएंगे. वहीं, उन्होंने अपील की कि बीजेपी OPS लागू रखे. चिरंजीवी योजना जारी रखे.

वहीं, सीएलपी की बैठक के बाद कांग्रेस के नेता सचिन पायलट का कहना है कि कांग्रेस की परंपरा है कि विधायकों की बैठक में प्रस्ताव पारित होता है. सभी विधायकों ने आम सहमति से आलाकमान पर फैसला छोड़ा है. सार्थक बैठक हुई. आज की मीटिंग सिर्फ विधायकों से राय लेने के लिए थी. लोकसभा चुनाव के लिए हमें अभी से तैयारी करनी होगी. कुछ कमियां रह गई थीं, जिसके लिए आत्मचिंतन भी होगा. चुनाव में क्या कमी रह गई इस पर मंथन किया जाएगा. हमेशा से युवाओं को मौका दिए जाने की बात करता रहा हूं.

राजस्थान में कांग्रेस को मिलीं 69 सीटें

दरअसल, इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मानकर चल रही थी कि वह सत्ता में वापसी करेगी और पिछले 30 सालों से चली आ रही परंपरा को खत्म करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. ये परंपरा आगे भी जारी है. राजस्थान में बीजेपी ने कांग्रेस को बड़े अंतर से हराया है और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है. बीजेपी को 115 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस 69 पर ही सिमट गई. वहीं, अन्य के खाते में 15 सीटें गई हैं. इस बार सूबे में 200 में से 199 सीटों पर वोटिंग करवाई गई है.