राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत के बाद से ही बाबा बालकनाथ मुख्यमंत्री की रेस में हैं. उन्होंने संसद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद चर्चा और तेज हो गई कि पार्टी उन्हें प्रदेश की कमान सौंप सकती है. सोशल मीडिया पर भी उन्हें राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की मांग की जा रही है. इन तमाम चर्चाओं के बीच बाबा बालकनाथ का बयान सामने आया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, मीडिया और सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नजरअंदाज करें. उनके इस बयान के बाद क्या ये माना जाए कि बाबा बालकनाथ अब सीएम की रेस में नहीं हैं.
बाबा बालकनाथ ने लिखा, पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता-जनार्धन ने पहली बार सांसद व विधायक बनाकर राष्ट्रसेवा का अवसर दिया. चुनाव परिणाम आने के बाद से मीडिया, सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नजरअंदाज करें. मुझे अभी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है. बता दें कि बाबा बालकनाथ अलवर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.
बाबा बालकनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ही नाथ संप्रदाय से हैं. योगी आदित्यनाथ खुद उनके नामांकन में थे और उनके लिए चुनावी रैली भी किए थे. बाबा बालकनाथ बाबा मस्तनाथ विश्वविद्दालय के चांसलर हैं. वह हिंदू धर्म के नाथ संप्रदाय के 8वें महंत भी हैं. 29 जुलाई, 2026 को महंत चांदनाथ ने एक समारोह में बाबा बालकनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था.
तीन राज्यों में जीत के बाद क्या बोले थे बालकनाथ?
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत पर बाबा बालकनाथ ने कहा, मध्य प्रदेश और गुजरात की तरह बीजेपी लंबे समय तक राजस्थान में रहकर राज्य के लोगों की सेवा करने जा रही है. दुनिया भर के लोग पीएम के साथ आए हैं. भारत को एक विकसित देश बनाने में पीएम की मदद करूंगा…मैं हमेशा पार्टी के लिए काम करता रहूंगा.