संसद का शीतकालीन सत्र जारी है. गुरुवार को कांग्रेस के 5 सांसदों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. उन्हें लोकसभा से सस्पेंड कर दिया है. वे सत्र के बचे हुए हिस्सा में भाग नहीं ले पाएंगे. जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया वो टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस हैं. इन सांसदों को आसन के प्रति अनादर के कारण निलंबित किया गया. इससे पहले आज ही तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा से सस्पेंड किया गया था.

बता दें कि गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में संसद की सुरक्षा में हुई चूक का मुद्दा उठा. विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया. विपक्षी सदस्यों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की. हंगामे के बीच, लोकसभा को दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया, क्योंकि विपक्षी सांसदों ने अपना विरोध जारी रखा.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने स्थगन से पहले सदन को संबोधित किया और सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने के लिए गैर-राजनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने सभी फ्लोर नेताओं के साथ बैठक की और संसद में सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उनके समाधान सुने. दिए गए कुछ सुझावों को पहले ही लागू किया जा चुका है. इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए.

डेरेक ओ ब्रायन के खिलाफ भी एक्शन

तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओब्रायन को अशोभनीय आचरण के लिए निलंबित कर दिया गया. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने ओब्रायन का नाम लिया और उनके निलंबन की कार्यवाही शुरू की.

सभापति द्वारा जब किसी सदस्य का नाम लिया जाता है तो इसका अर्थ सदस्य के निलंबन की कार्यवाही का आरंभ होना होता है. ऐसा तब होता है जब कोई सदस्य पीठ के प्राधिकार का अनादर कर रहे हों अथवा सभा के कार्य में लगातार और जानबूझकर बाधा डालते हुए सभा के नियमों का दुरुपयोग कर रहे हों.

धनखड़ ने घोषणा की, डेरेक ओ ब्रायन इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाते हैं. इस घोषणा के बाद विपक्षी सदस्य आसन के निकट आकर तानाशाही नहीं चलेगी और डेरेक का निलंबन नहीं सहेंगे जैसे नारे लगाने लगे. हंगामे के बीच ही सभापति ने प्रश्नकाल आरंभ करने की कोशिश की. हालांकि विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही. लिहाजा, सभापति ने सदन की कार्यवाही 12 बजकर 05 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.