मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना को लेकर लगातार भ्रम बना हुआ है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत की थी, अब उनकी जगह प्रदेश के सीएम मोहन यादव हैं. इस बीच मध्यप्रदेश बीजेपी के दिग्गज बीजेपी नेताओं की कई बैठकों में नहीं पहुंचने से शिवराज को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या लाडली बहना योजना जारी रहेगी भी या नहीं? सीएम मोहन यादव भी इस बारे में कुछ खुलकर नहीं बोल रहे हैं.विपक्ष मध्यप्रदेश नई सरकार पर इस मुद्दे को लेकर हॉवी है. इस बीच कई और बातें निकल कर आ रही हैं जिसके चलते ऐसा संदेश जा रहा है कि सरकार इस योजना को क्लोज कर सकती है.

आपको बता दें कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना स्कीम लॉन्च की थी, जिसमें उन्होंने वादा किया था कि सभी बहनों को हर महीने पहले 1000, फिर 1250 रुपए और उसके बाद यह राशि बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रति महीना कर दिया जाएगा. इससे पहले ही मोहन यादव को प्रदेश की कमान सौंप दी गई और शिवराज सिंह चौहान को इस्तीफा देना पड़ा.

1-पहले चुप्पी और फिर अस्पष्ट बयान

सीएम बनने के बाद अपने पहले ही पीसी में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जिस तरह बात की थी उससे संदेश गया था कि देखा जाएगा लाड़ली बहना का क्या करना है. हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर कभी इनकार नहीं किया है तो लागू करने का वादा भी नहीं किया है. वे बार-बार अपने इंटरव्यू और सोशल मीडिया पर यही कहते रहे हैं कि सभी जरूर लोककल्याण वाली योजनाएं चलती रहेंगी.इसलिए आम लोगों में उम्मीद बनी हुई है कि योजना चलती रहेगी. कम से कम लोग इतना जरूर सोचते हैं कि लोकसभा चुनावों तक तो खाते में राशि आएगी ही. मध्य प्रदेश चीफ मिनिस्टर के X हैंडल से एक पोस्ट शेयर की गई है. इस पोस्ट में लिखा है कि मोदी जी की गारंटी यानी गारंटी पूरी होने की गारंटी. साथ ही सशक्त नारी का संदेश देते हुए लिखा है कि पात्र बहनों को आर्थिक सहायता और पक्का आवास, 15 लाख महिलाओं को लखपति योजना में कौशल प्रशिक्षण देकर लखपति बनाएंगे, पात्र बहनों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा.

2-पीएम ने क्या कहा

भाजपा ने तीनों राज्यों में अपेक्षाकृत नए और अनजान चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया है, इसका क्या संदेश है? पीएम ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में इस सवाल के जवाब में जिस तरह की बातें की हैं उससे तो यही लगता है कि पीएम लाड़ली बहना योजना को लेकर शिवराज सिंह चौहान जिस तरह खुद की ब्रैंडिंग कर रहे थे उनको पसंद नहीं आई. पीएम अपने इस इंटरव्यू में कहते हैं कि, हमारे देश का एक दुर्भाग्य रहा है कि जो लोग अपनी वाणी से अपनी बुद्धि और अपने व्यक्तित्व से सामाजिक जीवन में प्रभाव पैदा करते हैं, उनमें से एक बहुत बड़ा वर्ग एक घिसी-पिटी, बंद मानसिकता में जकड़ा हुआ है. ये सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है, जीवन के सभी क्षेत्रों में ये प्रवृत्ति हमें परेशान करती है. जैसे किसी भी सेक्टर में कोई नाम अगर बड़ा हो गया, किसी ने अपनी ब्रांडिंग कर दी तो बाकी लोगों पर ध्यान नहीं जाता चाहे वो कितने ही प्रतिभाशाली क्यों न हों, कितना भी अच्छा काम क्यों न करते हों, वैसा ही राजनीतिक क्षेत्र में भी होता है. दुर्भाग्य से अनेक दशकों से कुछ ही परिवारों पर मीडिया का फोकस सबसे ज्यादा रहा.