पिछले कुछ महीनों से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है. राज्य में दो समुदाय के बीच हो रही हिंसा ने बड़ी रूप अख्तियार कर लिया है. इस दैरान कई लोगों की जान चली गई. वहीं कई लोग बेघर हो गए हैं. सोमवार को एक पुलिसकर्मी ने जिरीबाम जिले में एक 32 साल के शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी. हत्या से गुस्साए लोगों ने मंगलवार को पुलिसकर्मी लोइतम अरुणता सिंह के घर पर धावा बोलकर क्षतिग्रस्त कर दिया.

एएक बार फिर के मणिपुर में हिंसा भड़क गई. हालात को काबू करने के लिए 5 दिन के लिए इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है वहीं चुराचांदपुर जिले में दो महीने के लिए आईपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेश लागू किया है.जिला मजिस्ट्रेट धारुन कुमार एस. ने एक आदेश जारी कर कहा कि दो समूहों के बीच हो रहे टकराव की वजह से अभी भी शांति भंग होने की आशंका, हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं.

2 महीने के लिए धारा 144 लागू

इस आदेश के बाद राज्य में सोमवार से धारा 144 लागू कर दी गई है, जो 18 फरवरी 2024 तक लागू रहेगी. इसके तहत एक जगह पर पांच या उससे ज्यादा लोगों के एक साथ खड़े रहने या एकत्रित होने पर मनाही है साथ ही हथियार रखने की भी मनाही है.

मई से हो रही हिंसा की घटनाएं

जिला मजिस्ट्रेट कहना है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने हिंसा से प्रभावित इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए हर तरह से प्रयास किए हैं. गौरतलब है कि मणिपुर के कई हिस्सों में इस साल मई के बाद से जातीय संघर्ष चल रहा है. चुराचांदपुर जिले में बीते सोमवार को हिंसा की घटनाएं सामने आईं, खासतौर पर थिंगकांगफई गांव में कई जगहों पर हिंसा हुई. हालांकि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है.