मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की है. बैठक में निर्णय लिया गया है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बिना निमंत्रण पत्र के अयोध्या जाने से बचें. बगैर निमंत्रण वाले लोगों के होटल और गेस्ट हाउस कैंसिल होंगे. अयोध्या में क्राउड मैनेजमेंट को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है. अब 22 जनवरी को वही लोग अयोध्या जा सकेंगे, जिनके पास आयोजन समिति का निमंत्रण पत्र होगा.
समारोह से जुड़े कार्यों में ड्यूटी करने वाले सरकारी/गैर सरकारी और समारोह से जुड़े अन्य कर्मचारियों को भी जिनकी ड्यूटी 22 जनवरी के दिन अयोध्या में लगी है वो ट्रस्ट की तरफ से जारी पास दिखाकर जा सकेंगे. जो परिवार पहले से 22 जनवरी के दिन वैवाहिक कार्यक्रम तय कर रखे हैं, उनके कार्यक्रम को अनुमति जारी रहेगी, लेकिन बिना निमंत्रण पत्र के जो लोग पहले से होटल और धर्मशाला बुक कर रखे हैं, उनकी बुकिंग कैंसिल जो जाएगी.
अयोध्या प्रशासन ने की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन यानी 22 जनवरी को मंदिर परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति, जिसे ट्रस्ट ने अनुमति न दी हो, उसका प्रवेश वर्जित होगा. मंदिर को आम दर्शनार्थियों के लिए दो दिन पहले यानी 20 जनवरी से ही बंद कर दिया जाएगा. वहीं जब 23 जनवरी से आम जनता के लिए मंदिर खुलेगा तो अयोध्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब भी उमड़ेगा. ऐसे में अयोध्या में प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.
होटलों के रेट न बढ़ाएं, नहीं तो होगी कार्रवाई
सीएम की समीक्षा बैठक में ये भी तय किया गया कि 22 जनवरी को जो लोग भी होटलों /धर्मशालाओं में ठहरेंगे, उनसे तय दर से ज्यादा न लिया जाए और अगर ऐसा होता है तो फिर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी. होटल/धर्मशाला प्रबंधन ये सुनिश्चित करें कि अयोध्या में ठहरने वाले सभी मेहमानों के साथ सभ्य व्यवहार और अतिथ सत्कार में कोई कमी न होने पाए. होटल/धर्मशाला के सभी स्टॉफ का पुलिस वेरिफिकेशन के भी निर्देश दिए गए हैं.