अयोध्या में 22 तारीख को होने वाले भव्य मूर्ति स्थापना और मंदिर के शुभारंभ का कार्यक्रम का आयोजन होना है. इसको लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां हो रही हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के लिए भी यह एक गर्व का समय है, क्योंकि 1742 में अमेठी के महराज राजा गुरुदत सिंह ने राम जन्मभूमि को मुगलों से आजाद करवाने के लिए लड़ाई लड़ी थी. लगभग एक से दो दिन तक चले इस युद्ध में राजा गुरुदत से नवाब सआदत अली खान बुरी तरह तरह परास्त हुआ था. राम जन्मभूमि को सआदत अली खान को खाली करना पड़ा था. मुगलों की सेना पूरी तरह से तहस-नहस हो गई थी. इसके बाद अयोध्या की राम जन्मभूमि मुगलों के चंगुल से आजाद हो गई.
ये है इतिहास
कहते है कि कहानी अन्य लोगो की लिखी जाती है,अमेठी वालो का तो इतिहास लिखा जाता है. एक ऐसी ही इतिहास की कहानी आज उभर कर सामने आ रही है वो तब जब पूरे देश के आस्था का प्रतीक राम मंदिर में मूर्ति स्थापना के समय इतिहास कहता है कि अमेठी के राजा स्वर्गीय राजा गुरु दत्त सिंह ने अयोध्या राम जन्म भूमि को मुगलों के चंगुल से युद्व लड़कर आजाद कराया था, युद्व भयंकर चला जिसमे जन और धन दोनों की हानि हुई और राजा गुरु दत्त सिंह ने राम जन्मभूमि को कब्जे में लेकर राम की मूर्ति की स्थापना कराया था. युद्ध के बाद राजा गुरूदत सिंह के द्वारा खुद अयोध्या मंदिर के पास 1742 ईसवी में एक राम जानकी मंदिर का निर्माण कराया गया था जो मंदिर आज भी मौजूद है और आज भी वहा पर लोगो के द्वारा पूजा पाठ किया जाता है और इनके परिवार के जुड़े लोग के साथ ही जनपद से जुड़े लोग आज भी इस प्राचीन मंदिर में राम जानकी मंदिर का दर्शन करने जाते है इसके साथ ही अमेठी से जाने वाले लोगो के लिए रुकने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.
ऐसे मिली आजादी
गुरुदत्त सिंह के द्वारा मुगलों से राम जन्मभूमि को आजाद कराने में अन्य राजाओं के साथ ही साधु संतो ने भी इस युद्ध में भाग लिया था. इस युद्ध को जीतने के बाद गुरुदत्त सिंह की मुगलों से दुश्मनी बढ़ती गई जिसके बाद बौखलाए नवाब ने अमेठी रियासत पर एक बार फिर आक्रमण कर दिया था और लंबी लड़ाई चली और महराज गुरुदत सिंह को अयोध्या छोड़कर रामनगर आना पड़ा जहा उन्होंने राजमहल की स्थापना कर जो वर्तमान में भूपति भवन के नाम से जाना जाता है.
परिवार को नही मिला आमंत्रण
22 तारीख को होने वाले मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में राज परिवार को अभी तक आमंत्रित नहीं किया गया है लेकिन संजय सिंह बताते हैं कि कार्यक्रम बड़े स्तर पर हो रहा है प्रधानमंत्री सहित कई बड़ी हस्तियां शिरकत कर रही है ऐसे में निमंत्रण न मिला कोई बड़ी बात नही है क्योंकि भगवान राम हम लोगो की आत्मा में बसते है.