गणतंत्र दिवस पर नहीं दिखेगी दिल्ली की झांकी
पुरे भारत में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है, देश में हर साल गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली के कर्तव्य पथ पर राज्यों की झांकियां निकाली जाती हैं. लेकिन इस बार भी दिल्ली की झांकी को केंद्र सरकार द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया है. दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति और भाषा मंत्री का सौरभ भारद्वाज का कहना है कि पिछले 3 साल से केंद्र सरकार 26 जनवरी को होने वाली झांकी परेड में दिल्ली की झांकियों के संबंध में दिए जाने वाले प्रस्ताव को ठुकरा रही है. उन्होंने बताया कि दिल्ली इस देश की राजधानी है और ये सभी झांकियां दिल्ली में ही निकाली जाती हैं, लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है कि दिल्ली की झांकियों को ही 26 जनवरी की परेड में पिछले 3 साल से जगह नहीं दी जा रही है. आखिरी बार साल 2021 में दिल्ली की झांकी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनी थी.
आखिर क्यों दिल्ली की झांकी हुई रिजेक्ट
दिल्ली सरकार के मंत्री ने बताया कि साल 2022 में हमनें रिजॉल्व-75 नामक विषय पर अपना प्रस्ताव दिया था. वहीं, साल 2023 में हमनें नारी शक्ति विषय पर अपना प्रस्ताव दिया था और इस साल की परेड के लिए हमनें विकसित भारत नामक विषय पर अपना प्रस्ताव दिया था. लेकिन लगातार 3 सालों से केंद्र सरकार दिल्ली की झांकी के प्रस्तावों को ठुकरा रही है.
सौरभ भरद्वाज का कहना है कि केंद्र सरकार झांकियों के विषय में दोहरा चरित्र अपना रही है. एक तरफ तो भाजपा नेता कहते हैं कि विषय के आधार पर राज्यों की झांकी का चयन होगा, लेकिन जब हम उनके दिए गए विषय के अनुसार अपनी झांकी का प्रस्ताव लेकर जाते हैं तो वो उसे रिजेक्ट कर देते हैं.
वहीं, अगर केंद्र सरकार द्वारा इन झांकियां में कुछ बदलाव करने के निर्देश दिए जाते हैं तो हम केंद्र सरकार के आदेश अनुसार वह परिवर्तन भी कर लेते हैं, तो फिर किस आधार पर भाजपा के नेता इस बात को कह रहे हैं कि झांकियों की स्वीकृति तो उसके विषय पर निर्भर करती है.
बता देते हैं किस थीम पर थी दिल्ली की झांकी
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि ये बड़ा ही दुखद है कि केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए विषय पर झांकी का प्रस्ताव तैयार करने और केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए बदलाव को स्वीकृत करने के बावजूद भी दिल्ली सरकार की झांकियों को दिल्ली में होने वाली 26 जनवरी की परेड में शामिल होने का मौका नहीं दिया गया.