भारत और मालदीव के रिश्तो में अब दरार आ चुकी है और इसी के बीच अब राष्ट्रपति मुइज़्ज़ु चीन पहुंच चुके हैं, बता दे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू (Mohamed Muizzu) सोमवार रात चीन के अपने पहले राजकीय दौरे पर पहुंचे हैं. उन्होंने बीजिंग पहुंचने के बाद चीन को अपना भरोसेमंद सहयोगी बताते हुए दोनों देशों के करीबी संबंधों की सराहना की.

चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने पांच दिन के अपने चीन दौरे के पहले दिन सोमवार को फुजियान में प्रांतीय अधिकारियों से मुलाकात की. वह ऐसे समय में चीन पहुंचे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया है. इस मामले को लेकर भारत और मालदीव दोनों देशों में राजनयिक विवाद बढ़ा है.

हालांकि, मुइज्जू के इस दौरे को लेकर अभी चीन ने किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने इससे पहले जरूर कहा था कि मुइज्जू चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ चर्चा करेंगे और इस दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन के मुताबिक, मुइज्जू की अभी चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात होनी है. साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को लेकर कई समझौते होने हैं.
वांग ने कहा कि चीन और मालदीव के बीच संबंध नए ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गए हैं. हमारा विश्वास है कि इस दौरे के जरिए दोनों राष्ट्रप्रमुख द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे.

मालदीव की विकास यात्रा में चीन की अहम भूमिका

मुइज्जू ने चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी (सीसीसीसी) के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात में मालदीव की विकास यात्रा में चीन को एक अहम सहयोगी बताया. बता दें कि सीसीसीसी मालदीव में कई बड़े प्रोजेक्ट में शामिल है.

उन्होंने दोनों देशों के बीच के संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने इसके बाद सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के सचिव झू जूयी से मुलाकात की. मुइज्जू ने कहा कि मालदीव दोनों देशों के संबंधों को अहमियत देता है और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताता है.

मुइज्जू का पहला चीन दौरा विवादों में क्यों?

मुइज्जू चीन के पहले राजकीय दौरे पर पहुंचे हैं. लेकिन यह दौरा ऐसे समय पर हुआ है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप के दौरे की उनकी तस्वीरों को लेकर मालदीव के तीन मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद सोशल मीडिया पर इस मामले ने तूल पकड़ लिया. इस मामले के तूल पकड़ने पर मालदीव सरकार ने तीनों आरोपी मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया था. बाद में भारत में मालदीव के राजूदत को विदेश मंत्रालय ने तलब किया और इस मामले पर कड़ी आपत्ति जाहिर की. इस बीच दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव बना हुआ है.