UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में इन दिनों सियासी हलचल तेज हैं. अभी तक जो अखिलेश यादव मायावती की गारंटियों को लेकर सवाल उठा रहे थे, उनके सुर अचानक बदल गए हैं. बसपा सुप्रीमो को लेकर वो काफी नरम दिख रहे हैं. मगंलवार को सपा की बैठक के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि वो बसपा (BSP) सुप्रीमो को सम्मान करते हैं अगर वो ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होती हैं तो इससे उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या अखिलेश ने मायावती के सामने सरेंडर कर दिया है. उनके नरम रुख की वजह क्या हैं.

दरअसल मंगलवार को यूपी में सीट शेयरिंग को लेकर सपा की बैठक थी. इस बैठक में अखिलेश यादव ने मायावती को लेकर जो कहा उसे सुनकर पार्टी के कार्यकर्ता भी चौंक गए. सपा अध्यक्ष ने कहा, “मायावती वरिष्ठ नेता हैं. हम सब उनका सम्मान करते हैं, मैं भी करता हूं और आप भी करें, उनके ख़िलाफ़ कोई बयान न दें. उन्होंने कहा, कांग्रेस के नेता मायावती से गठबंधन के लिए बात कर रहे हैं, अगर वो आती हैं इससे सपा को कोई दिक्कत नहीं होगी.

अखिलेश यादव के सुर नरम हुए

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कल तक जो अखिलेश यादव, मायावती से परहेज़ कर रहे हैं, उनकी गारंटी को लेकर सवाल उठा रहे थे अब उन्हें मायावती को लेकर कोई एतराज़ नहीं है. अखिलेश का कहना है कि वो बीजेपी को हराने के लिए सबको गले लगाने को तैयार हैं. मायावती के आने से मोदी विरोधी वोट एकजुट हो जाएंगे. जानकारों का मानना है कि इससे इंडिया गठबंधन को फ़ायदा ज़रूर होगा.

कांग्रेस चाहती हैं कि गठबंधन को मजबूत बनाने के लिए बसपा को भी साथ लाया जाए. अखिलेश यादव ने भी इस पर सहमति जता दी है. माना जा रहा है कि वो नहीं चाहते हैं कि बसपा सुप्रीमो की इंडिया गठबंधन में न आने की वजह वो बनें, इसलिए उनके रुख़ में नरमी देखी जा रही है. उधर बीजेपी का कहना है कि अगर ये सब एक हो जाए तो भी इससे कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन जानकारों का कहना है कि मायावती के आने से इंडिया गठबंधन की सीटों पर असर पड़ सकता है.