केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के मदीना दौरे से पाकिस्तान और पाकिस्तान के कट्टरपंथी समूहों में खलबली मच गई है. केंद्रीय महिला एवं कल्याण और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन दो दिवसीय सऊदी दौरे पर थे.
इस दौरान उन्होंने इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक मदीना की ऐतिहासिक यात्रा की और पैगंबर की मस्जिद, अल मस्जिद अल नवबीस उहुद के पहाड़ और क्यूबा मस्जिद का भी दौरा किया.
उनकी इस यात्रा के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय हज समझौता 2024 पर हस्ताक्षर किया गया. समझौते के अनुसार, भारत को इस साल हज के लिए 1,75,025 कोटा आवंटित किया गया है. इनमें से लगभग 1,40,020 सीटें भारतीय हज कमिटr के लिए रिजर्व हैं. वहीं, 35,005 सीटें ऑपरेटरों के लिए रिजर्व हैं. स्मृति ईरानी के साड़ी पहन और बिंदी लगाकर अल मस्जिद अल नवबीस उहुद के पहाड़ और क्यूबा मस्जिद का दौरा करने से पाकिस्तान और वहां के कट्टरपंथियों को मिर्ची लग गई है.
पाकिस्तान को क्यों लगी मिर्ची?
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस दौरान सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री डॉ तौफीक बिन फौजान अल रबिया के साथ महिलाओं को बिना महरम हज करने की अनुमति को प्रोत्साहित करने पर चर्चा की. भारतीय डेलीगेट की सऊदी अरब में जिस तरह से खातिरदारी की गई, इससे पाकिस्तान, सऊदी अरब से नाराज है. पाकिस्तान के लोगों का कहना है कि (भारत-सऊदी अरब के बीच बढ़ती नजदीकियां) कारोबार करना और कारोबार में इतना ही बेशर्म होना. मेरे हिसाब से इससे घटिया और कुछ भी नहीं हो सकता. इस तरह से खातिरदारी करने से मुझे गुस्सा आ रहा है, पूरे पाकिस्तान को गुस्सा आ रहा है, पूरी दुनिया को गुस्सा आ रहा है.