इजराइल-हमास जंग की कीमत चुका रहा भारत

महीनो बीत चुके हैं पर अभी तक इजरायल-हमास की जंग जारी है और यह कोई नहीं जनता की कब तक यह जंग जारी रहेगी और कितने लोगों की जान जाएगी, भारत के एक शीर्ष राजनयिक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों को बताया कि पश्चिम एशिया में इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष से हिंद महासागर में समुद्री वाणिज्यिक यातायात सुरक्षा प्रभावित हो रही है और इसका सीधा असर देश के ऊर्जा एवं आर्थिक हितों पर पड़ रहा है.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर. रवींद्र ने यूएनएससी में खुली चर्चा के दौरान अपनी टिप्पणी में कहा कि पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष से हिंद महासागर में समुद्री वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा पर भी असर पड़ रहा है, जिसमें भारत से जुड़े जहाजों पर कुछ हमले भी शामिल हैं. उनकी यह टिप्पणी लाल सागर में जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमलों में वृद्धि के बीच आई है.

आर्थिक हितों पर सीधा असर

रवींद्र ने हूती विद्रोहियों का नाम लिए बगैर कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए बहुत चिंता का विषय है और इसका भारत के ऊर्जा और आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ता है. यह भयावह स्थिति किसी भी पक्ष को लाभ नहीं पहुंचाएगी और इसे स्पष्ट रूप से समझा जाना चाहिए. क्षेत्र में समुद्री यातायात की सुरक्षा को लेकर चिंताएं रही हैं. हूतियों ने कहा है कि ये हमले गाजा में इजराइल के युद्ध के जवाब में और फिलिस्तीनियों के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए हैं.

रवींद्र ने कहा कि इस संघर्ष की शुरुआत से ही भारत ने जो संदेश दिया है वह स्पष्ट और सुसंगत है कि मानवीय सहायता की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि संघर्ष बढ़े नहीं. उन्होंने कहा कि मानवीय स्थिति पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है और भारत इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का स्वागत करता है.