अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं उमा भारती झांसी पहुंचीं. यहां उन्होंने राम मंदिर आंदोलन की यादें ताजा की. उन्होंने जेल में बिताए दिन और कार सेवकों के संघर्ष के बारे में बताया. साथ ही प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने वाले राज्यों पर भी निशाना साधा.
खुद को खुशनसीब बताते हुए उमा भारती ने कहा कि मंदिर आंदोलन का संघर्ष महज कुछ साल का नहीं, बल्कि पूरे 500 साल का है. अब रामलला मंदिर में विराज गए हैं, ऐसे में जो आनंद उन्हें मिला, वो कोई और महसूस नहीं कर सकता. जिस दिन मंदिर टूटा होगा, न जाने कितनी जाने गई होंगी.
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‘जेल में कोई चक्की नहीं पीसनी पड़ती थी’
उमा भारती ने मंदिर को बचाने के संघर्ष में कारसेवा के दौरान जेल का अनुभव भी शेयर किया. उमा भारती बताती हैं, जब वो कारसेवा के दौरान गिरफ्तार की जाती थीं तो कोई तकलीफ नहीं होती थी. जेल में चक्की नहीं पीसना पड़ा.
‘इसी बात का कष्ट है कि हम जिंदा रह गए’
पूर्व सीएम ने कहा, वहां कोई तकलीफ नहीं होती थी. हम बहुत आराम से थे. कार सेवकों को कष्ट हुआ है. हम लोगों को इसी बात का कष्ट है कि हम जिंदा रह गए. जेल में जब अन्न-जल त्याग देती थी, तब जेल स्टाफ भी अन्न-जल नहीं ग्रहण करता था.