चौथी बार धरने पर बैठे मनोज जरांगे

महाराष्ट्र में न जाने कितने समय से मराठा आरक्षण की मांग उठते चली आ रही है, इस आंदोलन में मुख्य किरदार मनोज जरांगे का रहा है, मनोज का कहना है की जब तक मराठाओं को उनका अधिकार नहीं मिल जाता तब तक वह इस लड़ाई को लड़ेंगे फिर चाहे इसमें उन्हें उनकी जान क्यों न देना पड़े. अब एक बार फिर मनोज अपने मांगों को लेकर सरकार के सामने आ गए हैं.

देश में मराठा आरक्षण की मांग एक बार फिर से उठने लगी है. जालना के अंतरवाली सराटी में मराठा समाज के आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल एक बार फिर अपनी विभिन्न मांगों लेकर आमरण अनशन के लिए बैठ गए हैं.

जालना जिले के ग्राम अंतरवाली सराटी में मराठा आरक्षण के लिए मराठा समाज के नेता मनोज जारांगे पाटिल ने शनिवार से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है. यह तीसरी बार है जब मनोज जारांगे आरक्षण के लिए अनशन कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस बार आरक्षण मिलने तक उनका अनशन जारी रहेगा.

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मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल

बीते दिनों मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने कहा था कि कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देने में अगर सरकार की ओर से देरी की गई तो वे फिर से 10 फरवरी से आमरण अनशन शुरू करेंगे. जारांगे पाटिल ने कहा कि अगर मराठा समाज को एकमुश्त कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देना शुरु नहीं किया गया तो वो ओबीसी समाज को मिल रहे 27 फीसदी आरक्षण को कोर्ट में चैलेंज करेंगे. हालांकि राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष ने कहा कि ओबीसी आरक्षण मंडल आयोग के माध्यम से मिला है जिसे रद्द नहीं किया जा सकता. मनोज जारांगे को कानून का ज्ञान नहीं है, इसीलिए वे इस तरह की बात कर रहे हैं, इससे ओबीसी समाज को घबराने की जरुरत नहीं है.