भगवान बुद्ध के शिष्य अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों (अस्थियों) को थाईलैंड में एक महीने दर्शनार्थ भेजा गया

मप्र शासन के संस्कृति विभाग और भारत सरकार के निर्देशानुसार कलेक्टर अरविंद्र दुबे ने पवित्र अस्थियों को राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के प्रतिनिधि को सौंपा।

भारत सरकार द्वारा सांची में बौद्ध स्तूप परिसर में स्थित मंदिर में रखे भगवान बुद्ध के शिष्यों अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों को दर्शनार्थ हेतु बैंकाक, थाईलैंड और कंबोडिया विहार ले जाने की अनुमति दी गई है, जिसके उपरांत आज भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और मप्र शासन के संस्कृति विभाग के निर्देशानुसार सांची में बौद्ध स्तूप परिसर में स्थित चैतियगिरी विहार मंदिर में रखे भगवान बुद्ध के शिष्यों अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों को आज महाबोधी सोसायटी श्रीलंका के प्रमुख श्री वानगल उपतिस्स नायक थेरो की उपस्थिति में कलेक्टर श्री अरविंद दुबे ने भारत सरकार द्वारा अधिकृत तथा राष्ट्रीय संग्रहालय के प्रतिनिधि श्री डीजे प्रदीप को सुरक्षित तरीके से सौंपा गया, भोपाल से पवित्र अवशेषों को हवाई जहाज के माध्यम से दिल्ली और फिर वहां से बैंकाक, थाईलैंड और कंबोडिया विहार दर्शनार्थ हेतु ले जाया जाएगा. यह पवित्र अवशेष वहां 22 फरवरी से 18 मार्च तक दर्शनार्थ हेतु रहेंगे और इसके उपरांत पुनः वापस सांची में यथास्थान सुरक्षित रखे जाएंगे।

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