BHOPAL : MADHYA PRADESH
प्रदेश में अघोषित आपातकाल, विपक्ष की आवाज को कुचला जा रहा है
आलोट विधायक मनोज चावला द्वारा किसानो की आवाज पर
लूट व शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप में दर्ज
एफआईआर किसान विरोधी सरकार का कायरतापूर्ण कदम
कांग्रेस का गंभीर आरोप सरकार और भाजपा नेताओं
के संरक्षण में यूरिया खाद की धड़ल्ले से हो रही है कालाबाजारी,
जमाखोरों के सामने सरकार आत्मसमर्पित क्यों ?
नौकरशाह संविधान के अनुरूप आचरण करें,
सरकार के चाटुकार न बनें
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने प्रदेश में सरकार और भाजपा नेताओं के संरक्षण में जमाखोरों द्वारा किसानों के लिए मिलने वाले यूरिया खाद की कालाबाजारी करने वालांे के पक्ष में सरकार द्वारा किये जा रहे आत्मसमर्पण को एक गंभीर मामला बताते हुए कहा कि आखिरकार क्या कारण है कि किसान पुत्र प्रदेश के मुखिया श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा यूरिया खाद के संकट को लेकर अलसुबह ली गई तीन वर्चुअल बैठकों और इनमें अधिकारियों को दिये गये स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भी खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी धड़ल्ले से जारी क्यों है? उन्होंने गुरूवार को रतलाम जिले की आलोट विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित कांग्रेस विधायक श्री मनोज चावला द्वारा किसानों को यूरिया खाद नहीं मिलने के खिलाफ उठायी गई आवाज को लेकर उनके विरूद्व लूट और शासकीय कार्य में बाधा डालने संबंधी भादवि की धारा 353, 332 व 392 के तहत दर्ज प्रकरण को एक जनप्रतिनिधि व जागरूण विपक्ष की वाजिब आवाज को दबाने का किसान विरोधी कृत्य बताया है।
श्री मिश्रा ने कहा कि पिछले कई वर्षों से एक घृणित विचारधारा के दबाव में प्रदेश मंे अघोषित आपातकाल लागू किया जा रहा है। विपक्ष की जायज आवाजों को निरंकुश नौकरशाही के माध्यम से दबाने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस पार्टी ऐसे चंद चाटूकर अफसरों को आग्रहपूर्वक कहना चाहती है कि वे अपनी निष्ठा भारतीय संविधान के प्रति प्रदर्शित करें, न कि भाजपा के एजेंट बनकर।
श्री मिश्रा ने सवाल किया कि गत दिनों अलसुबह मुख्यमंत्री जी ने जबलपुर में कालाबाजारी की आशंका में हजारों टन खाद गायब हो जाने पर नाराजगी व्यक्त की थी, चंद घंटों बाद जिला प्रशासन ने एक गोदाम से उसे जब्त भी कर लिया, इस कार्यवाही को कौन सा राजनैतिक स्वांग समझा जाये? सरकार ने आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्यवाही क्यों नहीं की? जिस तरह राशन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ राजनैतिक बुलडोजर चलाया गया, इस गंभीर घटना से जुडे जमाखोरों को ऐसी कार्यवाही से वंचित क्यों किया गया?
श्री मिश्रा ने कहा कि इसी तरह इस विषयक मुख्यमंत्री जी ने अन्य बैठकें भी ली, तीन मंत्रियों की समिति भी बनायी, संभवतः आज शाम इसी विषय पर वे फिर बैठक ले रहे हैं। उनकी ये कथित चिंताऐं उसके वास्तविक स्वरूप को ईमानदारीपूर्वक अंजाम क्यों नहीं दे पा रही हैं?
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श्री मिश्रा ने आलोट विधायक श्री चावला एवं रतलाम के जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष योगेन्द्र सिंह जादोन सहित अन्य 12 लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को सरकार और प्रशासन का कायराना कदम बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा प्रायोजित ऐसे अत्याचारों से कांग्रेस डरने वाली नहीं है। किसानों के हित और उनके अधिकारों के पक्ष में सरकार के खिलाफ कांग्रेस का संघर्ष निरंतर जारी रहेगा।
श्री मिश्रा ने कलेक्टर रतलाम द्वारा आलोट की उक्त घटना के महज तीन घंटे बाद मीडिया से की गई चर्चा के दौरान फैलाये गये झूठ और फरेब की निंदा करते हुए कहा कि उनका झूठ इस बात से उजागर हो रहा है कि उनके कथनानुसार मौजूद आलोट एसडीएम सुश्री मनीषा वास्केल ने विधायक को समझाने का प्रयास किया, जबकि हकीकत यह है कि घटना स्थल पर एसडीएम मौजूद ही नहीं थी।
श्री मिश्रा ने कहा कि कलेक्टर ने यूरिया खाद की उपलब्धता को लेकर भी झूठ परोसा है, ऐसा प्रतीत होता है कि कलेक्टर भाजपा अथवा सरकार के प्रवक्ता के बतौर मीडिया को संबोधित कर रहे थे, उनका यह कृत्य प्रशासकीय आचरण और संवैधानिक व्यवस्था के प्रतिकूल है। लिहाजा, कांग्रेस पार्टी का कलेक्टर रतलाम सहित अन्य नौकरशाहों से आग्रह है कि वे अपने संवैधानिक कर्तव्यों के परिपालन में भाजपाई विचारधारा की घुसपैठ को रोकें और ऐसी किसी भी विचारधारा के एजंेट न बने जो प्रशासकीय सेवा आचरण के विपरीत हो।