ग्रामीण अंचलों में आज भी पुरानी परंपराओं को जीवित रखा गया है- विधायिका पटेल

चंद्रशेखर आजाद नगर के ग्राम बरझर मैं चुल चलने का कार्य एवं डूंगलावाणी में गल कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें जोबट क्षेत्र की विधायिका श्रीमती सेना महेश पटेल सम्मिलित हुई, आदिवासी समाज में किसी भी प्रकार की समस्याएं एवं बढ़ाएं उत्पन्न होती है, चाहे वह मानव पर हो या जानवर पर या अन्य किसी प्रकार की विपदाता जो आदिवासी समाज पर आती है उससे छुटकारा पाने के लिए अपने-अपने ईष्ट देवताओं की मन्नत आदि लेते हैं।

जब विपदा दूर हो जाती है तो होली दहन के 1 दिन बाद मान बढ़ाएं उतारने का कार्य किया जाता है, जिस प्रकार दीपावली की चौदस के बाद भिलवट बाबा के स्थल पर चुल चलकर मन्नत पूरी करते हैं इस प्रकार पटेलिया, बरेला आदि जाति के लोग होली दहन के एक दिन बाद अपनी मन्नत पूरी करते हैं।

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ग्राम बरझर में मन्नतधारी ने चुल चलकर अपनी मन्नतें उतारने का काम किया है, वही ग्राम डूंगलावाणी में जिस किसी की मन्नत पूरी हो जाती है उसे गल पर बांधकर राउंड घुमाया जाता है, इस प्रकार मन्नते पुरी की जाती है, कार्यक्रम स्थल पर हजारों की संख्या में ग्रामवासी एवं अन्य क्षेत्र के लोग इसके साक्षी बनते हैं, इस परंपरा को लेकर क्षेत्रीय विधायक श्रीमती पटेल ने कहा की ग्रामीण अंचलों में आदिवासी समाज के लोग पुरानी परंपरा को आज भी मानते हुए उसे पूरी करने का काम करते हैं, जो उनकी अपने इष्ट देवता के प्रति सच्ची श्रद्धा होती है।