रायसेन जिले के सांची ब्लाक के सत्ती गांव में सफेद हाथी साबित हो रही नल जल योजना, 2 साल से पानी के इंतजार में बैठे हैं ग्रामीण हर घर नल, हर घर जल योजना को ठेकेदार और पीएचई विभाग लगा रहे पलीता, वही अधिकारियों के पास नपे तुले होते है जबाव

हर घर नल जल योजना का लाभ सांची जनपद के अंबाड़ी पंचायत के सत्ती गांव के ग्रामीणों के लिए आज भी एक सपना साबित हो रही है, लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है, सत्ती गांव में नल जल योजना के तहत ठेकेदार द्वारा 2 साल पहले गांव की सड़कों को खोद कर पाइपलाइन बिछाई गई और कुछ जगह तो सड़क भी नहीं खोदी ऊपर ही पाइपलाइन बिछा दी जो गंदगी से होकर लोगों के घरों तक पहुंच रही है, विडंबना तो इस बात की है 2 साल बीतने के बाद भी जहां लाखों रुपए इस योजना के लिए खर्च किए जो आज दिनांक तक भी चालू नहीं हुई और लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है नल जल योजना सत्ती गांव में सफेद हाथी साबित हो रही है।

सत्ती गांव में जब से नल जल योजना के तहत पाइपलाइन बिछाई गई तब से ग्रामीण शुद्ध पेयजल की आस लगाए बैठे हैं, ठेकेदारों एवं पीएचई विभाग की मनमानी से अब तक यह योजना धरातल पर नहीं आई है, लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीण पानी के लिए यहां वहां भटकते रहते हैं, गांव में दो हैंड पंप है जिनमें पीने योग्य पानी नहीं है, नल जल योजना के तहत पाइपलाइन डाली गई घर का कनेक्शन भी दिए गए 2 साल बाद भी पानी की सप्लाई शुरू नहीं की गई जिस वजह से ग्रामीणों को पेयजल के लिए पानी नहीं मिल रहा है, गांवों में पानी की व्यवस्था के लिए ग्रामीणों को पुराने स्रोत, निजी ट्यूबवेल, हैंडपंप का उपयोग करना पड़ रहा है, हालांकि पीएचई विभाग ने जली मोटर को बदलने की बात कही पीएचई विभाग का यह भी कहना है दो साल हो गए इस योजना को चालू हुए ग्रामीणों को बराबर पानी मिल रहा है सरकारी डीपी जलने से ऐसे हालात बने है, बात सही भी लगती है ग्राम पंचायत अगर यह अपने हैंडओवर कर ले तो समस्या खत्म गाव की समस्या गाव में ही सुलझ सकती है, लेकिन पंचायत अपने अधिकार में नही ले रही और इसका मेन्टेन्स पीएचई बिभाग को करना पड़ रहा है बहरहाल डीपी बदलने पर दो दिन में ग्रामीणों को पानी मिलने की बात पीएचई कार्यपालन यंत्री ने कही है।