Madhya Pradesh सरकार ने गौरक्षा संवाद पर गौशालाओं में दान राशि बढ़ाकर इस वर्ष को गौरक्षा संकल्प वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है तथा गौ माता की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित है, लेकिन गौरक्षा संकल्प की सरकार की मंशा के विपरीत गौ तस्करी तेजी से बढ़ रही है तथा गौ तस्कर बड़ी संख्या में बेखौफ होकर गौ तस्करी कर रहे हैं।

हाल ही में मध्यप्रदेश के पिपलिया मंडी से बजरंग दल कार्यकर्ताओं एवं पुलिस की मदद से बड़ी संख्या में गायों से भरे ट्रकों को पकड़ा गया तथा जब्त किया गया, इसी प्रकार गौ तस्कर मध्यप्रदेश से गायों की तस्करी कर महाराष्ट्र एवं बंगाल ले जा रहे हैं, जिसमें वे किसानों के नाम आगे लाकर भोले-भाले व्यापारियों एवं आदिवासियों को चंद रुपए का लालच देकर तस्करी करते हैं।

मध्य प्रदेश में गायों को स्थानीय बूचड़खानों में काटा जाता है और स्थानीय मांस की दुकानों पर बेचा जाता है, यह सारी तस्करी मध्य प्रदेश में लगभग 350 पशु मेलों और बाजारों के जरिए होती है, यदि इस तरह के पशु बाजार और मेलों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है और नियम विरुद्ध आयोजित हो रहे हैं तो मेला समिति के खिलाफ मध्य प्रदेश गौ संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।

वही गौ संरक्षण विभाग निम्नलिखित प्रतिबंधों की मांग करता है:- 1. पशु बाजार और मेले बंद किए जाएं। 2. गौ तस्करी रोकी जाए। 3. आबकारी नियमों की तरह नियमों के विरुद्ध गौ परिवहन के लिए वाहन नियमों को अनिवार्य किया जाए। 4. यदि थाना क्षेत्र से तस्करी होती है तो थाना प्रभारी को निलंबित किया जाए। प्रदेश में नवनिर्मित मनरेगा गौशालाओं का निर्माण पूरा कराकर वहां गायों को रखा जाए, ताकि बरसात में गायें सुरक्षित रह सकें। 8. घर पर गाय की सेवा करने वाले प्रत्येक गौपालक को प्रति गाय 1200 रुपए प्रतिमाह गौ वंदन राशि दी जाए।