झोपड़ी में पढ़ने को मजबूर स्कूली बच्चे अब कैसे सुधरेगा शिक्षा का स्तर
Madhya Pradesh की मोहन सरकार शिक्षा को लेकर तमाम दावे करती है, और बेहतर शिक्षा को लेकर खुले मंच से दावे करती है, लेकिन यह तस्वीर है,अलीराजपुर के जोबट तहसील के रामपुरा गांव की है, जहां आज भी स्कूल की बिल्डिंग तक नहीं है, जोबट के समीप रामपुरा गांव मैं पिछले कई सालों से प्रधानमंत्री आवास में स्कूल चल रहा है.
अब आप सोच रहे होंगे कि पीएम आवास में स्कूल क्यों चल रहा है? इसके पीछे की क्या वजह है, आप को बता दे की स्कूल के भवन का जर्जर होना एक बड़ी समस्या शिक्षकों और बच्चों के लिए यहां बनी हुई है, दरअसल स्कूल का भवन कभी भी गिर सकता है, ऐसे में पीएम आवास में प्राथमिक विद्यालय चलाया जा रहा है.
अफसर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए नजर आ रहे हैं, कई साल बाद भी जिम्मेदारों के कान पर जूँ तक नहीं रेंगी जो स्कूल की बिल्डिंग की और ध्यान दिया जाए, स्कूल में पदस्थ शिक्षकों ने बताया कि जर्जर भवन की जानकारी कई बार अधिकारियों को दी गई, स्कूल भवन के जर्जर होने से शिक्षा प्राप्त करने वाले स्कूली बच्चे कभी छत से टपकते पानी की समस्या से जूझते है, तो कभी उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस होता है, जिसको लेकर कभी वहां पेड़ के नीचे तो कभी पीएम आवास के तहत बने घरों में स्कूल में शिक्षा प्राप्त करते हैं, मगर सबसे बड़ा सवाल है बेहतर शिक्षा के जो दावे प्रदेश के मुख्यमंत्री करते हैं वह तमाम दावे अलीराजपुर जिले के इस प्राथमिक स्कूल में आकर फेल हो जाते हैं.
स्कूली बच्चे आज भी मजबूर है पीएम आवास योजना के तहत बने गांव के घरों में स्कूल में शिक्षा पाने के लिए, मगर जिम्मेदारो जनप्रतिनिधियों का इस और ध्यान नहीं.